रांची। झारखंड की राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में चल रहे सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन में सोमवार 21 सितंबर को फूट पड़ गई। अंदोलनस्थल से दो जिलों के सहायक पुलिसकर्मी वापस चले गए। इनमें खूंटी और दुमका के सहायक पुलिसकर्मी शामिल हैं। चाईबासा जिले के भी ज्यादातर सहायक पुलिसकर्मी आंदोलनस्थल से वापस लौट गए हैं। सूत्रों ने बताया कि चाईबासा के सहायक पुलिसकर्मी आंदोलन समाप्त कर मोरहाबादी मैदान से रवाना हो गए हैं।
इसे भी पढ़ें : लैंड म्यूटेशन बिल रद्द करने के लिए भाजपा विधायकों ने दिया धरना
नौकरी की स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलन
पिछले कई दिनों से रांची मोरहाबादी मैदान में झारखंड के सहायक पुलिसकर्मी नौकरी की स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। वे दिन-रात आंदोलनस्थल पर बैठे थे। उनकी मांग है कि उन्हें नौकरी में स्थायी किया जाए और उनका मानदेय भी बढ़ाया जाए। पुलिसकर्मियों का कहना है कि 24 घंटे की पुलिस की नौकरी में भी उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल रही है। 10 हजार के मानदेय में गुजारा नहीं हो पा रहा है। उनके इस आंदोलन को खत्म करने को लेकर कई मंत्री और नेताओं उन्हें काफी समझाने बुझाने का काम किया, लेकिन कोई बात नहीं बनी। यहां तक की उनपर लाठी भी चलाई गई। इसमें कई सहायक पुलिसकर्मी घायल भी हुए।
भाजपा विधायकों ने सदन में भी उठाया मुद्दा
यह मामला विधानसभा के मानसून के दौरान में भाजपा विधायकों ने सदन में भी उठाया। इस पर मुख्यमंत्री ने पूर्व की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पूर्व की सरकार का पाप है। सहायक पुलिसकर्मियों को उकसा कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जिससे समाधान नहीं मामला उलझाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में सरकार हठधर्मिता नहीं मानेगी।
इसे भी पढ़ें : कुत्तों को पीटने पर विवाद, मेनका गांधी के हस्तक्षेप पर केस
इसे भी पढ़ें : आगजनी और रंगदारी मांगने का आरोपी चार साल बाद गिरफ्तार