- झारखंड के आदिवासी समुदाय में प्रचलित है यह अजब-गजब परंपरा
- जन्म के दसवें महीने में किसी बच्चा या बच्ची के ऊपरी जबड़े में दांत निकलने पर माना जाता है अपशकुन
- इस अपशकुन को काटने के लिए पहले किसी बाल पशु से विवाह कराने की है पुरानी परंपरा
- सरायकेला जिले के गम्हरिया प्रखंड में अलग-अलग घर की दो बच्चियों की शादी कुत्ते के साथ कराई गई
कोहराम लाइव डेस्क : Unique Wedding – शादी-विवाह का मतलब दूल्हा-दुल्हन। गाजे-बाजे के साथ बारात। भोज-भात। रस्म-रिवाज का पालन। यह सब कुछ सामान्य रूप से सभी समुदायों की शादियों में अलग-अलग तरीके से किया जाता है, पर जब एक बच्ची की शादी किसी मेल पशु या किसी बच्चे की शादी फीमेल पशु से रीति-रिवाज के साथ हो तो अजीब लगना स्वाभाविक है। जी हां, झारखंड के आदिवासी समुदाय में यह परंपरा पुराने समय से प्रचलित है। आदिवासियों में शादी-व्याह संबंधी कई परंपराएं अन्य समुदायों से अलग होती हैं, लेकिन किसी बच्ची की शादी पिल्ले से कराने की बात हैरत में जरूर डालती है।
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हाल के दिनों में सरायकेला जिले के गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत बड़ा कांकड़ा पंचायत के संजय गांव में ऐसा उदाहरण सामने आया है। इस गांव में तमाम रस्मों का पालन कर अलग-अलग घर की दो बच्चियों का वैवाहिक अनुष्ठान कुत्ते के बच्चे से कराया गया। आदिवासी समुदाय में ऐसी पारंपरिक मान्यता है कि यदि किसी बच्चे या बच्ची के जन्म के दसवें महीने में ऊपरी जबड़े में दांत निकलते हैं, तो परिवार के लिए यह अपशकुन है। इस अपशकुन को काटने के लिए यह परंपरा प्रचलित है। आदिवासी समुदाय के लोगों में यह आस्था है कि ऐसा कराने पर सभी प्रकार के अनिष्ट कट जाते हैं। यह परंपरा यहां के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र में पाई जाती है।
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Unique Wedding में बराती-सराती जमकर करते हैं डांस
कहा जाता है कि शादी के बाद भोज का भी आयोजन किया जाता है। सामान्य विवाह की तरह सभी आमंत्रित अतिथि भी पहुंचते हैं। इस शादी में संजय ग्राम के पिता किसनो बानरा व माता बाहा माई की डेढ़ वर्ष की बेटी आरती की शादी पिल्ले के साथ कराई गई। विधिवत बरात आई और विवाह के बाद वर-वधू का गाजा-बाजा के साथ जुलूस निकाला गया। शादी में बराती-सराती दोनों पक्ष के लोगों ने जमकर डांस भी किया। बच्ची की मां ने कहा कि उसकी बेटी आरती के ऊपरी जबड़े में दांत निकल गया है। इस अपशकुन को काटने के लिए ही परंपरा का निर्वाह किया गया। इसी प्रकार पिता हरि कुदादा और माता प्रमिला कुदादा की दो वर्ष की बेटी सुनीता की शादी भी पिल्ले के साथ की गई।
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पिल्ले का पिता बनकर कोई लाता है बारात
ऐसी परंपरा है कि शादी के लिए कोई व्यक्ति पिल्ले का पिता बनता है। वह बारात लेकर बच्ची के घर पहुंचता है। बच्चे की शादी में कुतिया के घर बारात जाती है, जहां कोई पिता बनकर कुतिया का कन्यादान करता है। इसके बाद भोज का आयोजन होता है। सभी लोग एक साथ बैठकर सामान्य शादी की तरह भोज करते हैं।
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