केंद्रीय कृषि बिल के खिलाफ सतारूढ़ दल के विधायकों ने प्रदर्शन किया
रांची : झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे और आखिरी दिन हंगामे के साथ-साथ कई विधेयक भी पास कराए गये। केंद्रीय कृषि बिल के खिलाफ सतारूढ़ दल के विधायकों ने प्रदर्शन किया। वहीं बीजेपी विधायकों ने सदन के अंदर और बाहर नियोजन नीति समेत अन्य मुद्दों को लेकर राज्य सरकार को घेरा। मानसून सत्र के तीसरे और आखिरी दिन सरकार ने कई विधेयक पास कराए। जिसमें दण्ड प्रक्रिया संहिता ( झारखंड संशोधन ) विधेयक 2020, झारखंड राज्य सेवा देने की गारंटी ( संशोधन ) विधेयक 2020, झारखंड खनिज धारित भूमि पर ( कोविड – 19 महामारी ) उपकर विधेयक 2020, झारखंड मोटर वाहन ( संशोधन ) विधेयक 2020, झारखंड राज्य भौतिक चिकित्सा ( फिजियोथेरेपी ) परिषद विधेयक 2020 और झारखंड मूल्यवर्द्धित कर ( संशोधन ) विधेयक 2020 स्वीकृत हुई. सत्र के दौरान हंगामे और शोर-शराबे के कारण प्रश्न काल की कार्यवाही बाधित रही।
बोकारो से बीजेपी विधायक बिरंची नारायण ने झारखंड में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी का मामला सदन में उठाया। उन्होंने प्राइवेट स्कूलों के लिए फीस रेगुलेशन एक्ट और प्राधिकार के गठन की मांग की। इस दौरान उन्होंने फीस नहीं देने पर नामांकन रद्द करने और ऑनलाइन क्लास की स्थिति की ओर सदन का ध्यान आकृष्ट कराया।
विधायक बंधु तिर्की और भानू प्रताप शाही ने जनहित के कार्य करने के लिए विधायक फंड जारी करने का आग्रह किया। जिसपर स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने विचार करने का आश्वासन दिया।
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वहीं विधायक प्रदीप यादव ने कोरोना पर चर्चा करते हुए केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। प्रदीप यादव ने कोरोना को लेकर केंद्र सरकार पर समय पर सही कदम न उठाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब देश में कोरोना के मामले नहीं थे तब केंद्र सरकार ने अपनी राजनीति साधने में जुटी थी. केंद्र सरकार ने कोरोना नियंत्रित करने से अधिक मध्यप्रदेश में सरकार गिराने पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रारंभ में कोरोना संक्रमण को सांप्रदायिक रंग देने का भी प्रयास किया। इसके लिए तब्लीगी के नाम पर एक समुदाय को टारगेट किया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन करने से पहले राज्यों के मुखिया से कोई चर्चा नहीं कि जिसका नतीजा हुआ कि लॉकडाउन सफल नहीं हो पाया।
हेमंत सरकार ने कोरोना काल में किया बेहतर काम : प्रदीप यादव
साथ ही उन्होंने हेमंत सरकार की तारीफ करते हुये कहा कि हेमंत सरकार ने कोरोना काल में बेहतर काम किया। उन्होंने एक नहीं दो बार राज्य के सभी विधायकों के साथ बात की। सबसे राय विचार किया। उन्होंने लोकतांत्रिक व्यवस्था को कायम रखा। ये तानाशाही नहीं हो सकता। उन्होंने हेमंत सरकार की पूरी टीम को बधाई देते हुये कहा कि पूरी टीम ने एक योजना बद्ध तरीके से काम किया। उन्होंने राज्य के पदाधिकारियों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि राज्य के पदाधिकारियों ने बेहतर तरीके से काम कर तमाम प्रवासी मजदूरों को वापस लाने का काम किया।
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ट्रैक्टर से सदन पहुंचीं विधायक दीपिका सिंह पांडेय
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष का प्रदर्शन जारी रहा। इस दौरान महगामा की कांग्रेस विधायक दीपिका सिंह पांडेय ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए केंद्रीय कृषि बिल का विरोध किया। वह विधानसभा परिसर कुछ अलग अंदाज में ट्रैक्टर से आईं। कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के खिलाफ काला कानून लोकतंत्र की हत्या कर राज्यसभा से पास कराया है। जो सरकार किसानों के हित में काम नहीं करेगी, हम उसके खिलाफ हैं और उसका पुरजोर विरोध करते रहेंगे।
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नियोजन नीति को लेकर हंगामा
सदन के आखिरी दिन हंगामे के बीच सरकार की ओर से दो प्रस्ताव सदन के पटल पर लाए गए। नियोजन नीति को लेकर भी सदन में हंगामा हुआ। उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट ने सोमवार को ही फैसला सुनाते हुए नियोजन नीति को खारिज कर दिया था। इस मामले पर सदन में सत्ता पक्ष ने आवाज उठाई. जबकि विपक्ष पहले से वेल में हंगामा कर रहा था।
बीजेपी विधायक अमर बाउरी ने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार ने इस मुद्दे को कोर्ट में सही तरीके से नहीं रखा। सत्ता पक्ष ने कहा कि पूर्व की रघुवर सरकार का नियोजन संबंधी निर्णय गलत था। इस कारण हाई कोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया। इसके लिए हेमंत सरकार जिम्मेदार नहीं है।
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