Kohramlive Desk : Breastfeeding के महत्व को समझने, जानने और इसका पालन करने के लिए हर साल अगस्त के पहले वीक को इसके नाम किया जाता है। वर्ल्ड एलायंस फॉर ब्रेस्टफीडिंग एक्शन (WABA) ने अगस्त के पहले वीक को ब्रेस्टफीडिंग वीक के रूप में स्थापित किया है। हर साल वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक हर साल 1-7 अगस्त को मनाया जाता है। यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के कुल शिशुओं में से लगभग 60 प्रतिशत को 6 महीने तक जरूरी ब्रेस्टफीडिंग नहीं मिलती है। 1990-91 में WABA की स्थापना की गई और 1992 में पहला वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक आधिकारिक तौर पर आयोजित किया गया। उस वर्ष 70 देशों ने नई पहल का जश्न मनाया। अब इसमें 170 देशों की भागीदारी हैसाल 2021 में वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक 2021 की थीम ‘स्तनपान की रक्षा करें : एक साझा जिम्मेदारी’ रखी गई थी। साथ ही 2022 में वर्ल्ड ब्रेस्ट फीडिंग दे की थीम ‘स्तनपान के लिए कदम बढ़ाएं’ रखी गई है।
इस वीक के महत्व को इस तरह समझें
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, बाल अधिकारों पर कन्वेंशन के अनुसार प्रत्येक नवजात शिशु को अच्छे पोषण का अधिकार है।
- संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व स्तर पर 2016 में एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, दुनिया में 41 मिलियन बच्चे मोटापे से ग्रस्त हैं, जबकि 5 वर्ष से कम उम्र के 155 मिलियन बच्चों के अविकसित (उम्र के हिसाब से बहुत कम) होने का अनुमान है।
- माना जाता है कि स्तनपान कराने से मां में स्तन कैंसर, डिम्बग्रंथि के कैंसर, टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोग होने का खतरा कम हो सकता है।
- यह दस्त और तीव्र श्वसन संक्रमण जैसे संक्रमणों को रोकता है। साथ ही, यह शिशु मृत्यु दर को कम करता है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार यह अनुमान लगाया गया है कि स्तनपान में वृद्धि से स्तन कैंसर के कारण हर साल 20,000 मातृ मृत्यु को रोका जा सकता है।
शिशुओं को फायदे
- मजबूत इम्यून सिस्टम।
- दस्त, कब्ज, गैस्ट्रोएंटेराइटिस, गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स से बचाव
- सर्दी और सांस की बीमारियां जैसे निमोनिया, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस और काली खांसी से बचाव।
- स्तनपान करने वाले बच्चे समग्र रूप से कम रोते हैं, और उनमें बचपन की बीमारी की घटनाएं कम होती हैं।
- बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस से बचाव।
- बेहतर आंखों की रोशनी।
- शिशु मृत्यु दर में कमी।
- एलर्जी, एक्जिमा और अस्थमा से बचाव।
- बचपन में बाद में मोटे होने की संभावना कम।
- बेहतर मस्तिष्क परिपक्वता।
- अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम (एसआईडीएस) की कम दर।
- कुल मिलाकर कम बीमारी और कम अस्पताल में भर्ती।
स्तनपान से मां को स्वास्थ्य लाभ
- जन्म के बाद तेजी से वजन घटाने को बढ़ावा देता है.
- गर्भाशय को सिकुड़ने और सामान्य आकार में लौटने के लिए उत्तेजित करता है.
- प्रसव के बाद ब्लीडिंग को कम होना।
- यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से बचाव।
- एनीमिया की संभावना कम।
- प्रसवोत्तर अवसाद का कम जोखिम।
मां को भावनात्मक फायदे
- स्तनपान प्राकृतिक रूप से सुखदायक हार्मोन ऑक्सीटोसिन और प्रोलैक्टिन का उत्पादन करता है जो मां में तनाव में कमी और सकारात्मक भावनाओं को बढ़ावा देता है।
- आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान में वृद्धि।
- स्तनपान पूरे परिवार के लिए शरीर, मन और आत्मा के स्वास्थ्य का सपोर्ट कर सकता है।
- स्तनपान यात्रा को आसान बनाता है। मां का दूध हमेशा साफ और सही तापमान वाला होता है।
- मां और बच्चे के बीच शारीरिक/भावनात्मक बंधन बढ़ता है।
- स्तनपान कराने वाली माताएं अपने शिशु के संकेतों को पढ़ना सीखती हैं।
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