नई दिल्ली: इस बात पर यकीन नहीं होगा कि School में पढ़ने वाले एक बच्चे ने एक company खड़ी की और 2 साल में कंपनी का टारगेट 100 करोड़ रुपए का रखा है। मुंबई के तिलक मेहता ने छोटी सी उम्र में जो मुकाम हासिल किया वह उन्हें बाकी बच्चों से अलग करताा है। उद्यमी बनने की चाहत रखने वाले तिलक ने पेपर्स एंड पार्सल्स नाम से लॉजिस्टिक्स सेवा देने वाली company शुरू की। पेपर एंड पार्सल छोटे पार्सलों की डिलीवरी करती है।
ऐसे शुरू की company
तिलक के अनुसार , पिछले साल मुझे शहर के दूसरे जगह से कुछ किताबों की तत्काल जरूरत थी। पिता काम से थके हुए आये, इसलिए मैं उनसे अपने काम के लिए कह नहीं सका और कोई दूसरा ऐसा नहीं था जिसे कहा जा सकता था। इसी आइडिया को बिजनेस बनाकर कंपनी खड़ी की। तिलक ने ये आइडिया एक बैंकर को बताया। बैंकर को वह आइडिया पसंद आया और उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर तिलक की स्टार्टअप कंपनी को बतौर मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंजाम तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया। पार्सल को 24 घंटों के अंदर गंतव्य तक पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए तिलक ने मुंबई के डब्बा वालों के विशाल नेटवर्क का फायदा उठाया। पीएनपी की सेवाएं ज्यादातर पैथोलॉजी लैब्स, बुटीक शॉप्स और ब्रोकरेज कंपनी जैसे ग्राहक ले रहे हैं। अब तिलक मेहता ने 2020 तक कंपनी का टारगेट 100 करोड़ रुपए रखा है। वह चाहते हैं कि लॉजिस्टिक्स मार्केट में कंपनी बढ़कर 20 फीसदी तक फैल जाए।
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कंपनी कैसे करती है काम
पीएनपी अपना काम मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए करती है। कोरोना महामारी के पहले कंपनी में करीब 200 कर्मचारी कार्यरत थे। साथ ही 300 से ज्यादा डिब्बावाले भी जुड़े हुए थे। डिब्बावालों की मदद से कंपनी हर होज 1200 से ज्यादा पार्सल डिलीवर कर रही थी। वहीं अधिकतम 3 किलो तक के ही पार्सल डिलीवर किए जा रहे थे। डिब्बावाले एक पार्सल को पहुंचाने के लिए 40 से 180 रुपए तक लेते हैं।
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