Kohramlive : GST चोरों को अब बख्शा नहीं जायेगा। वहीं डिफॉल्टरों के लिये कड़े नियम बनाये जा रहे हैं। टैक्स चोरी करनेवाले को पकड़ने के लिये इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स के डाटा का मिलान किया जायेगा। टैक्सचोरों पर लगाम लगाने के लिए सरकार अलग-अलग टैक्स और रेगुलेटरी डेटाबेस के जरिए करदाताओं का पूरा प्रोफाइल बना रही है, ताकि अगर कोई टैक्स चोरी करता है तो वो पकड़ा जा सके। जिन LLP और कंपनियों का संचालन MCA करती है, उन कंपनियों की जानकारी GST विभाग को दी जायेगी। इसके पीछे का केवल एक मकसद होगा टैक्स चोरी करने वाले को पकड़ना। वहीं वो लोग भी नप सकते हैं जो अलग-अलग रेगुलेटर्स को अलग-अलग जानकारी देते हैं। गलत रिटर्न फाइल करने वाले को मिले नोटिस का भी जवाब देना होगा। देश में करीब 1.3 करोड़ बिजनेस और सर्विस प्रोवाइडर्स GST के तहत रजिस्टर्ड है। एक अनुमान के अनुसार कोरोना के बाद GST के तहत होने वाला मंथली टैक्स कलेक्शन 1.4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डिफॉल्टरों को पकड़ने के लिये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स जैसी नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो सकता है। वहीं रजिस्ट्रेशन एप्लिकेशन की जांच भी गहराई से की जायेगी। नये बिजनेस शुरू करने वालों से ज्यादा डिटेल ली जा रही है।
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