नई दिल्ली : मन की बात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Vocal for Local पर फिर जोर दिया। उन्होंने कहा कि त्योहारों की ये उमंग और बाजार की चमक, एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। लेकिन इस बार जब आप खरीदारी करने जायें तो Vocal for Local का अपना संकल्प अवश्य याद रखें। बाजार से सामान खरीदते समय, हमें स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी है। Vocal for Local को याद रखें। प्रधानमंत्री अपने मासिक रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। पीएम मोदी के मन की कार्यक्रम की यह 70वीं कड़ी थी।
विजयादशमी की शुभकामनाएं दी
प्रधानमंत्री ने देशवासियों को विजयादशमी की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि इस साल त्योहारों का स्वरूप बदला हुआ है। उन्होंने लोगों से सतर्कता बरतने के लिए भी कहा। पीएम मोदी ने कहा, ‘पहले, दुर्गा पंडाल में, देवी के दर्शनों के लिए इतनी भीड़ जुट जाती थी, एकदम, मेले जैसा माहौल रहता था, लेकिन, इस बार ऐसा नही हो पाया । पहले, दशहरे पर भी बड़े-बड़े मेले लगते थे, लेकिन इस बार उनका स्वरुप भी अलग ही है।’
अपने वीर जवानों लिए भी जलाएं एक दिया: पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा, हमें घर में एक दीया, भारत माता के इन वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाना है। मैं, अपने वीर जवानों से भी कहना चाहता हूं कि आप भले ही सीमा पर हैं, लेकिन पूरा देश आपके साथ हैं, आपके लिए कामना कर रहा है।
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मेक्सिको में भी खादी की धूम: मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मेक्सिको में एक जगह है ‘ओहाका (Oaxaca)। इस इलाके में कई गांव ऐसे है, जहां स्थानीय ग्रामीण, खादी बुनने का काम करते है। आज, यहां की खादी ‘ओहाका खादी’ के नाम से प्रसिद्ध हो चुकी है। तब ब्राउन को एहसास हुआ कि खादी केवल एक कपड़ा ही नहीं है बल्कि ये तो एक पूरी जीवन पद्धति है।’
अध्यात्म, योग और आयुर्वेद ने दुनिया को आकर्षित किया
मेरे प्यारे देशवासियो, जब हमें अपनी चीजों पर गर्व होता है, तो दुनिया में भी उनके प्रति जिज्ञासा बढ़ती है। जैसे हमारे आध्यात्म ने, योग ने, आयुर्वेद ने, पूरी दुनिया को आकर्षित किया है। हमारे कई खेल भी दुनिया को आकर्षित कर रहे हैं।
सरदार पटेल को भी याद किया
पीएम ने 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में उन्हें याद किया। बहुत कम लोग मिलेंगे जिनके व्यक्तित्व में एक साथ कई सारे तत्व मौजूद हों – वैचारिक गहराई, नैतिक साहस, राजनैतिक विलक्षणता, कृषि क्षेत्र का गहरा ज्ञान और राष्ट्रीय एकता के प्रति समर्पण भाव।
क्या आप सरदार पटेल के बारे में एक बात जानते हैं जो उनके सेंस ऑफ ह्यूमर को दर्शाती है। जरा उस लौह-पुरुष की छवि की कल्पना कीजिये जो राजे-रजवाड़ों से बात कर रहे थे, पूज्य बापू के जन-आंदोलन का प्रबंधन कर रहे थे, साथ ही, अंग्रेजों से लड़ाई भी लड़ रहे थे, और इन सब के बीच भी, उनका सेंस ऑफ ह्यूमर पूरे रंग में होता था।
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Self Help Library के बारे में बताया
इस साल अगस्त में अरुणाचल प्रदेश के निरजुली के Rayo गांव में एक Self Help Library बनाई गई है। दरअसल, यहाँ की मीना गुरुंग और दिवांग होसाई को जब पता चला कि कस्बे में कोई लाइब्रेरी नहीं है तो उन्होंने इसकी फंडिंग के लिए हाथ बढ़ाया। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि इस लाइब्रेरी के लिए कोई सदस्यता ही नहीं है।
कोई भी व्यक्ति दो हफ्ते के लिए किताब ले जा सकता है। पढ़ने के बाद उसे वापस करना होता है । ये लाइब्रेरी सातों दिन, चौबीसों घंटे खुली रहती है। आस-पड़ोस के अभिभावक यह देखकर काफी खुश हैं, कि उनके बच्चे किताब पढ़ने में जुटे हैं। खासकर उस समय जब स्कूलों ने भी ऑनलाइन क्लास शुरू कर दी हैं।