Ranchi: कोयला कारोबारी बबलू सागर मुंडा की फारचूनर गाड़ी पर सरेशाम कांके में अंधाधुंध फायरिंग कर रांची पुलिस को खुली चुनौती देने के मामले में पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। रविवार को रांची पुलिस कप्तान सुरेंद्र कुमार झा ने पूरे मामले का खुलासा करते हुये प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पकड़े गये बदमाशों का ताल्लुकात उग्रवादी संगठन टीपीसी से है। टीपीसी सुप्रीमो भिखन गंझू के इशारे पर बबलू सागर मुंडा की हत्या के इरादे से फायरिंग की गई थी। इस फायरिंग में उसका निजी बॉडीगार्ड अजय सोनार जख्मी हो गया था। इसके लिए लातेहार के दो पेशेवर शूटरों अब्दुल्ला आलम और अरशद अली का इस्तेमाल किया गया था। सुप्रीमो गंझू के कहने से ही एक मोटर गैराज से सूमो गोल्ड गाड़ी हमलावरों को उपलब्ध कराई गई थी। उम्दा और अत्याधुनिक एके-56 और 3 पिस्टल भी दिये गये थे। पूरे घटनाक्रम का खाका खींचने और शूटर को बुलाने वाले इरफान अंसारी और अफरोज को 5-5 लाख रुपये दिये गये थे। दो दिन पहले इरफान को कांटाटोली चौक से क्यूआरटी की टीम ने अपनी गिरफ्त में लिया था। घटना में इस्तेमाल सूमो गाड़ी को सबसे पहले खोज निकाला गया। इसके बाद कांड में शामिल सभी चेहरे बेनकाब होते चले गये। कांड में शामिल सब के सब पकड़े गये। घटना के सूत्रधार और टीपीसी के सुप्रीमो भिखन गंझू पुलिस की पकड़ से दूर है। पुलिस कप्तान का दावा है कोयला कारोबारी बबलू सागर मुंडा के बड़े भाई प्रेम सागर मुंडा का मर्डर कराने में टीपीसी संगठन का हाथ है। प्रेम सागर को दिनदहाड़े रांची के मोरहाबादी मैदान में भून दिया गया था। इस बात का पुलिस खुलासा नहीं कर पाई कि उग्रवादी संगठन टीपीसी कोयला कारोबारी बबलू सागर मुंडा की जान का दुश्मन क्यों बना। वैसे सूत्रों का कहना है कि दुश्मनी के पीछे का कारण लेन-देन है। इस कांड का खुलासा और हमलावरों को पकड़ने में रूरल एसपी मो. नौशाद आलम और डीएसपी नीरज की सराहनीय भूमिका रही। सुनें क्या बोलें रांची पुलिस कप्तान सुरेंद्र कुमार झा
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