कोहराम लाइव डेस्क : पाकिस्तान की ओर से लगातार आतंकियों और आतंकी संगठनों को पनाह दी जा रही है। इस बीच फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक में फैसला लिया गया कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा।
पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने का हर संभव प्रयास कर रहा है, मगर वह इसमें सफल नहीं हो पा रहा है। पाकिस्तान पर लगातार आतंकियों को पनाह दिए जाने के आरोप लग रहे हैं। साथ ही वह एफएटीएफ के 27 मापदंडों को पूरा करने में नाकाम रहा है। जिसके बाद पाकिस्तान को एक बार फिर से ग्रे लिस्ट में बनाए रखने का फैसला लिया गया है।
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वहीं एफएटीएफ प्लेनरी में तुर्की ने प्रस्ताव दिया कि 27 में से शेष छह मापदंडों को पूरा करने के लिए इंतजार करने की बजाय सदस्यों को पाकिस्तान के अच्छे काम पर विचार करना चाहिए। साथ ही एक एफएटीएफ ऑन-साइट टीम को अपने मूल्यांकन को अंतिम रूप देने के लिए पाकिस्तान का दौरा करना चाहिए।
वहीं जब प्रस्ताव को 38 सदस्यीय प्लेनरी के सामने रखा गया तो किसी भी सदस्य ने प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी। यहां तक कि चीन, मलेशिया या सऊदी अरब ने भी इसको मंजूरी नहीं दी। अब एफएटीएफ ने अगले साल फरवरी की अगली समीक्षा तक पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखने का फैसला किया है।
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कोरोना के कारण चार महीने मिली थी राहत
इससे पहले एफएटीएफ ने कोरोना महामारी को देखते हुए पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट पर फैसला चार महीने के लिए टाल दिया था। एफएटीएफ के इस फैसले से पाकिस्तान को चार महीने की अंतरिम राहत मिल गई थी।
इससे पहले एफएटीएफ की फरवरी में हुई बैठक में पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने में विफल रहा था। एफएटीएफ की यह बैठक फ्रांस की राजधानी पेरिस में फरवरी में हुई थी। एफएटीएफ की ओर से पाकिस्तान को जून 2020 तक का समय दिया गया था। हालांकि जून में इस समय अवधि को चार महीने के लिए और बढ़ा दिया गया था। इस दौरान पाकिस्तान को 27 प्वाइंट एक्शन प्लान पर काम करना था। अगर पाक इसमें कामयाब हो जाता तो ग्रे-लिस्ट से बाहर आ सकता था, लेकिन पाकिस्तान इसमें विफल रहा है।
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