- दवा कारोबारी की बेटी रिया और बेटा रौनित का इल्जाम
Ranchi (Bhawna Thakur/Rajesh Singh) : मरने से करीब दो घंटा पहले दवा व्यवसायी राकेश रंजन ने अपनी पहली पत्नी रेखा रंजन और बेटा रॉनित रंजन को फोन किया था। यह फोन 20 मार्च की देर रात 2 बजकर 22 मिनट पर किया गया। राकेश रंजन काफी डरे-सहमे हुये थे। सबसे पहले उन्होंने अपनी धर्मपत्नी रेखा रंजन के मोबाइल पर फोन किया। बेटा रॉनित और बेटी रिया का कहना है कि उसके पापा कभी खुदकुशी नहीं कर सकते। वह इतने कमजोर भी नहीं थे। वह हालातों से लड़ना और निपटना जानते थे। पापा और हमलोगों की जिंदगी तब तबाह हो गई, जब उनके लाइफ में प्रीति की इंट्री हुई। तब रांची वाले घर में दादा-दादी, मम्मी और हमदोनों भाई-बहन रहते थे।
दूसरी मम्मी बनकर घर में इंट्री करने वाली प्रीति तब अपने साथ दो बेटों को भी लेकर आई थी। बड़ा बेटा अंकित शुभम और छोटा बेटा आदित्य शुभम साथ-साथ रहने लगे। अंकित और शुभम के पिता जूनियर इंजीनियर सुनील कुमार हैं। वह हजारीबाग के हैं। वर्ष 2007 में प्रीति अपने पति सुनील को छोड़कर भाग गई थी। उनके अनेक किस्से हैं। उनके कुछ बड़े नेताओं से गहरे ताल्लुकात भी हैं। उनकी रोज नई-नई कहानी सामने आते रहती थी। घर में इंट्री करते ही प्रीति रंजन अपना गुल खिलाना शुरू कर दी। हम परिवार वालों पर जुल्मों सितम ढाना शुरू कर दी। तंग आकर दादा-दादी घर छोड़ अलग रहने लगे। पापा राकेश रंजन को इस कदर अपने हुस्न के जाल में फंसा लिया कि उन्हें कुछ और दिखता ही नहीं था। भाई-बहन को खूब सताया गया। मारा-पीटा गया। उन्हें भी घर से निकल जाने पर मजबूर कर दिया गया। घर को घर रहने नहीं दिया गया। पूरे घर को तबाह और बर्बाद कर दिया। पूरी प्रॉपर्टी अपने नाम करा ली।
करीब 6 माह पहले पापा के नाम एक लिफाफा पटना स्थित घर में आया। लिफाफा खोला तो देखा पापा के नाम 75 लाख का इंश्योरेंस कराया गया है। नॉमिनी में सबसे पहले प्रीति रंजन, उनके बेटे अंकित और आदित्य शुभम का नाम लिखा हुआ था। हमलोगों में से किसी के नाम का जिक्र नहीं था। रिया ने कहा कि तब उसने अपने पापा से फोन किया। पापा एक कुरियर आया है। तब पापा ने कहा- उसे खोलना मत, ज्यों का त्यों ड्रावर में रख दो। हम आकर ले जाएंगे। किसी भी हालत में उसे खोलना मत।
रिया और उसके भाई रॉनित का इल्जाम है कि उसके पापा का प्लांटेड मर्डर किया गया है। रॉनित ने बताया कि 20 मार्च की भोर के 5 बजे के करीब प्रीति रंजन ने फोन कर उसे बताया कि तेरे पापा ने छत से कूदकर खुदश्कुशी कर ली। उस रोज पुलिस ने उनके घर के एक-एक कमरे को बंद कर दिया। ताकि कोई साक्ष्य-सबूत नहीं मिटाया जा सके। आज शाम यानी 21 मार्च को घर के हर कमरे का ताला खुल गया और प्रीति रंजन और उनके बेटे प्रापर्टी के पेपर समेत घर के सारे कीमती सामान बटोर रहे थे। यह सूचना उन्हें पड़ोसियों से मिली। तब रिया ने रांची पुलिस कप्तान सुरेंद्र कुमार झा और सिटी एसपी सौरभ कुमार को फोन कर सारी जानकारी दी और इंसाफ की गुहार लगाई है।
वहीं प्रीति पर लगे आरोप पर उनका पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल नंबर 9135005163 पर कई बार संपर्क किया गया, पर उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इधर, अरगोड़ा पुलिस ने राकेश रंजन कांड में मर्डर केस दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दी है। इस कांड के अनुसंधानकर्ता सब इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह बनाये गये हैं। दिवंगत राकेश रंजन का घर रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र के पुंदाग रोड स्थित मंगलम इनक्लेव F3-B में है। सुनें क्या बोले दिवंगत राकेश रंजन के बेटा और बेटी। वहीं मरने से दो घंटे पहले दवा कारोबारी राकेश रंजन ने अपनी धर्मपत्नी रेखा और बेटा से क्या कुछ कहा वह भी सुनें…
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