कोहराम लाइव डेस्क : Happiness और खुशी की हम सबको तलाश रहती है। इसलिए खुशी के पलों को कैद कर लीजिए। प्रेम कीजिए और प्रेम करने दीजिए। यही वास्तविकता है। बाकी सबकुछ व्यर्थ है। यह कहना है रूस के प्रसिद्ध दार्शनिक और लेखक लियो टॉल्सटॉय का। उनके विचार तब भी प्रासंगिक थे और आज भी उतने ही प्रभावशाली है।
Happiness बाहरी चीजों पर निर्भर नहीं करती
वे आगे कहते हैं कि जब हम किसी से प्रेम करते हैं तो हम उन्हें ऐसे प्रेम करते हैं, जैसे वे हैं। ना कि जैसा हम उन्हें बनाना चाहते हैं। Happiness बाहरी चीजों पर निर्भर नहीं करती, बल्कि हम जैसे बाहरी चीजों के देखते हैं, उस पर निर्भर करती है।
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जीवन का सार बताया
सभी लोग जीते हैं, इस वजह से नहीं, क्योंकि वे अपना ध्यान रखते हैं। बल्कि उस प्रेम की वजह से जीते हैं, जो दूसरे लोगों के मन में उनके लिए है। बिना ये जाने कि मैं क्या हूं और मैं यहां क्यों हूं, जीवन असंभव है।
लियो टॉलस्टॉय का संक्षिप्त परिचय
लियो टॉलस्टॉय का जन्म 9 सितंबर 1828 को हुआ था। आज भी इन्हें दुनिया के सबसे महान लेखकों में से एक माना जाता है। लियो टॉलस्टॉय रूसी सेना में भी रहे। वे बहुत धनवान थे। उन्होंने अपनी धन-संपत्ति त्याग दी थी, ताकि उन्हें मानसिक शांति मिल सके। घर-परिवार छोड़कर वे गरीबों की सेवा करने में लग गए थे। लियो टॉलस्टॉय ने कई कहानियां लिखीं, कई उपन्यास लिखे थे। 20 नवंबर 1910 को उनकी मृत्यु हुई थी।
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