Ranchi : झारखंड के उग्रवादियों, माओवादियों के पास विदेशी हथियार पहुंच रहे हैं। इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब लातेहार में हुये मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन में पुलिस को एके-47 समेत अमेरिकी रायफल मिले। जेजेएमपी उग्रवादियों के पास मिले विदेशी हथियार ने पुलिस का माथा ठनका दिया। वैसे ये कोई नया मामला नहीं। इससे पहले भी कई बार उग्रवादियों के पास से विदेश हथियार मिल चुके हैं। लातेहार मुठभेड़ के बाद STF में एक हाई लेवल मीटिंग की गयी। मीटिंग में नक्सल विरोधी अभियान को और धारदार बनाने पर चर्चा की गई। आईजी अभियान अमोल विणुकान्त होमकर ने सहायक कमांडेंट की शहादत को बड़ा नुकसान बताया। उन्होंने कहा कि इसका खामियाजा उग्रवादियों को भुगतना पड़ेगा।
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यहां याद दिला दें कि 29 सितंबर को लातेहार के सलैया जंगल में जेजेएमपी और सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ हुआ था। इसमें झारखंड जगुआर के सहायक कमांडेंट राजेश कुमार शहीद हो गये थे। इस घटना ने पुलिस महकमे में खलबली मचा दी थी। सलैया जंगल के आसपास के गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर जवानों ने सर्च ऑपरेशन चलाया था। सर्च ऑपरेशन में पुलिस को एक एके-47 समेत अन्य 7 राइफलें मिली। इनमें से दो हथियार अमेरिकन स्प्रिंग फील्ड राइफल थे। जिनका इस्तेमाल कभी अमेरिकन आर्मी द्वारा किया जाता था।
एनआइए नक्सलियों-उग्रवादियों तक विदेशी हथियार की पहुंचने की जांच कर रही है। अब एनआईए यह जांच करेगी कि जेजेएमपी के पास विदेशी हथियार कैसे पहुंचे। दहशतगर्दों के पास विदेशी हथियार का पहुंचना सुरक्षाबलों के लिए बुरी खबर है। साथ ही साथ खुफिया तंत्र की कहीं न कहीं विफलता भी है।
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