हजारीबाग। हजारीबाग जिले विष्णुगढ़ में जंगली हाथी ने तांडव मचाया और एक महिला की जान ले ली। 22 सितंबर को तड़के तीन बजे अपने झुंड से बिछड़े एक जंगली हाथी विष्णुगढ़ के रिहायशी इलाके में घुस गया और एक महिला को पटक कर मार डाला। हाथी ने जिस महिला की जान ले ली है, उनका नाम रोहिणी देवी है। घटना तड़के घटी, इस कारण इलाके के अधिकतर लोग घरों में सोए हुए थे। उक्त महिला तभी अपने घर के जानवर को बांधने के लिए घर से बाहर निकली थी। इसी दौरान अंधेरे में हाथी ने अचानक हमला कर कुचल कर डाला। सुबह में वन विभाग के अधिकारी सहित प्रशासन के लोग भी घटनास्थल पहुंचे।
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राज्य में आतंक मचाते रहते हैं जंगली हाथी
एक रिपोर्ट के मुताबिक लगभग हर साल देशभर में जंगली हाथी के हमले में सबसे अधिक मौत झारखंड में ही होती है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार जनसंख्या वृद्धि और वन्य जीवों के कॉरिडोर पर इंसानी गतिविधियों के बढ़ने से मानव-हाथी संघर्ष के मामले बढ़ गए हैं। गर्मी के दिनों में जिस स्थान पर हाथी लौट कर आते हैं, वही स्थान उनका स्थाई निवास होता है। लातेहार जिले के दलमा में हाथियों का स्थाई निवास है। दलमा में हाथियों के लिए अनुकूल पर्यावास (रहने की जगह) का विकास किया जाना चाहिए।
जुलाई से सितंबर तक आक्रामक हो जाते हैं हाथी
जूलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और सैटेलाइट सर्वे के आधार पर यह तथ्य स्थापित हुआ कि हाथी अपने पूर्वजों के मार्ग पर सैकड़ों साल बाद भी दोबारा अनुकूल वातावरण मिलने पर लौटते हैं। अगर मार्ग में आवासीय कॉलोनी या दूसरी मानवीय गतिविधियां मिलती हैं तो उनका झुंड उसे तहस-नहस करके ही आगे बढ़ता है। इसमें मिट्टी और पानी की अहम भूमिका होती है। हाथियों के उग्र होने का मुख्य कारण अपने रास्ते के लिए उनका बेहद संवेदनशील होना भी है। जुलाई से सितंबर के दौरान हाथी प्रजनन करते हैं। इस समय हाथियों के हार्मोन में भी बदलाव आता है जिससे वो आक्रमक हो जाते हैं।
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