सोशल मीडिया बना मुकद्दर
RANCHI (NANDANI SINGH) : देश हो या परदेश या फिर अपना अबुआ राज्य, हर किसी का दुख दूर हो रहा है सोशल मीडिया के सहारे। आम हो या खास, अब हर कोई अपना दुख या खोखली सिस्टम के बारे में बयां कर जाते हैं इंटरनेट मीडिया के सहारे। पलक झपकते ही इनका दुख-दर्द तुरंत और सीधे पहुंच जाता है राज्य के मुखिया तक। एक झटके में ऐसे दुखी प्राणी का दुख दूर कर रहे हैं युवा और जाबांज CM हेमंत सोरेन। कल तक सोशल मीडिया को तवज्जो नहीं देने वालों की आज की तारीख में धड़कन तेज हो गई है। धड़कनें तेज होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि राज्य के मुखिया हेमंत सोरेन की नजरें इंटरनेट मीडिया पर आती पल-पल की खबरों पर रहती है। दो दिन पहले की बात है एक आम नागरिक ने बोकारो के सदर अस्पताल के बिगड़े हालत पर सीएम का ध्यान ट्विटर के जरिये दिलाया। सीएम ने इसे गंभीरता से लिया। फौरन बोकारो डीसी के मोबाइल पर सीएम का संदेश आया, यह स्थिति बर्दाश्त के परे है। अविलंब इसे सुधारें। फौरी कार्रवाई हुई। कुछ हद तक परेशानी दूर कर ली गई।
अफ्रीकी देश माली में गिरिडीह और हजारीबाग के 33 मजदूर फंसे थे। सोशल मीडिया के सहारे मजदूरों ने अपना दुखड़ा सीएम हेमंत सोरेन तक पहुंचा दिया। सीएम के निर्देश पर हरकत में आये भारतीय दूतावास से लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री और विदेश मंत्री तक जागे। नतीजा कंपनी को फंसे मजदूरों का बकाया वेतन देने और उन्हें वापस उनके वतन भेजने तक की जिम्मेवारी लेनी पड़ी।
लातेहार के सिंजो गांव के दिव्यांग गोपाल अपने 4 साल के बच्चे के इलाज के लिए भटक रहे थे। बच्चे की आंख में ट्यूमर था। अगर समय पर इलाज नहीं होता तो उसके आंख की रोशनी जा सकती थी। मोबाइल पर यह संदेश देखते ही सीएम ने लातेहार डीसी को वत्सल्य के इलाज की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिया।
20 वर्षों से पेंशन के लिए भटक रहे नेत्रहीन रोबट बारला को महज आधा घंटा के अंदर ही पेंशन मिलना शुरू हो गया। रांची के लापुंग के सापूकेरा गांव में रहने वाले रोबट बारला अपनी बात सीएम तक पहुंचायी थी। यौन शोषण की शिकार शबनम थाना से लेकर छोटे-बड़े अधिकारियों तक जा-जाकर थक-हार और ऊब सी गई थी। 4 लाइन का अपना दुखड़ा ट्विटर के माध्यम से सीएम हेमंत सोरेन तक भेजी। 5 मिनट के अंदर महिला थाना में एफआईआर दर्ज कर लिया गया। ऐसे कई बानगी हैं, जिसका दुख ट्विटर पर आते ही उसका भला हो गया। गरीब गुरबों की फटे हाल जिंदगानी की गाथा सुन सीएम के हुक्म पर केवल 10 रुपये में धोती और साड़ी गरीबों को मिलने लगी। इस योजना की शुरुआत सीएम ने अपने दादा सोबरन सोरेन के नाम पर की। किसानों के लिए कर्ज माफी योजना लागू किया गया।
यहां के मजदूरों को बाहर जाने से रोकने के लिए श्रमिक रोजगार योजना लाई गई। हर मजदूर को प्रतिदिन 316 रुपये का मेहनताना दिया जाता है। साल में 100 दिन काम मिलने की पूरी गारंटी। बेरोजगारों के लिए “प्रोत्साहन योजना” खूब वाहवाही बटोर रही है। पारा शिक्षकों को सहायक शिक्षक का नाम देकर उनका सम्मान बढ़ाया। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक IPS अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया आज लोगों का मुकद्दर बन गया है। वर्षों के बिगड़े सिस्टम की थकन को CM हेमंत सोरेन एक झटके में निगलते जा रहे हैं। आने वाला समय सोशल मीडिया का होगा।
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