नई दिल्ली : एयरलाइन कंपनी एयर एशिया भारत से अपना बिजनेस समेट रही है। उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने खुद बताया कि भारत में एयर एशिया अपना कारोबार बंद करने वाली है। साथ ही कहा कि एयर एशिया की पैरेंट कंपनी में कोई दिक्कत है, जिसकी वजह से ऐसा हो रहा है।
टाटा ग्रुप के पास हैं एयर एशिया इंडिया के मैजॉरिटी स्टेक
भारतीय कंपनी एयर एशिया इंडिया में टाटा ग्रुप की अधिकांश हिस्सेदारी है। अब तक कंपनी के ओर से कारोबार को बंद करने को लेकर कोई स्टेटमेंट जारी नहीं हुआ है।बता दें कि एयर एशिया की मूल कंपनी एयर एशिया ग्रुप बीएचडी है। मलेशिया की एयर एशिया को कभी क्षेत्र में सस्ती विमान सेवा में आई क्रांति की शुरुआत करने वाली कंपनी के तौर पर पहचाना जाता था।
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कारोबार बंद करने की योजना बनाई
कोरोना संकट के बीच एविएशन सेक्टर पर बहुत बुरा असर पड़ने के बाद, एयर एशिया ने कई देशों में अपना कारोबार बंद करने की योजना बनाई है। इसी क्रम में कंपनी जापान से अपना कारोबार बंद करने का विचार कर रही है। एयर एशिया इंडिया ने 2014 में ऑपरेशंस शुरू किया था। हालांकि, कंपनी कभी मुनाफे में नहीं आई। भारत में इसकी बाजार हिस्सेदारी 6.8 फीसदी है।
टाटा संस की एयर एशिया इंडिया में 51 फीसदी की हिस्सेदार है
देश में इसके कर्मचारियों की संख्या 3,000 से ज्यादा है। टाटा संस की एयर एशिया इंडिया में 51 फीसदी की हिस्सेदारी है। अब वह मलेशियाई साझेदार की 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रही है। एयर एशिया इस ज्वाइंट वेंचर में ज्यादा निवेश करने को तैयार नहीं है। कंपनी चाहती है कि एयर एशिया इंडिया कर्ज लेकर अपना बिजनेस संभाले।
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