Kohramlive : 288 मुसाफिरों की मौत और 1129 लोगों के लहूलुहान होने की वजह कहीं लोकेशन बॉक्स में छेड़छाड़ तो नहीं? इस बिंदु पर CBI ने जांच शुरू कर दी है। बीते शुक्रवार को ओडिशा के बालासोर में हुये भयानक ट्रेन हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए CBI ने अपनी जांच शुरू कर दी है। शुरूआती जांच में जो बातें सामने आई है, उसके अनुसार ट्रेन हादसे की एक वजह लोकेशन बॉक्स में की गई छेड़छाड़ भी हो सकती है, जिस कारण कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन को मेन लाइन से लूप लाइन में प्रवेश करना पड़ा, जहां खड़ी एक मालगाड़ी से उसकी टक्कर हो गई थी। रेलवे ने ताबड़तोड़ तरीके से काम कर दुर्घटनास्थल की अप और डाउन दोनों दिशा में ट्रेनों की आवाजाही फिर से शुरू करा चुकी है। वहीं रेलवे ने एक्शन मोड में आते हुये पीड़ितों को मुआवजा बांटना शुरू कर दिया है। रेलवे की तरफ से अब तक 689 पीड़ितों को मुआवजा बांटा जा चुका है।
दक्षिण पूर्व रेलवे के CPRO आदित्य कुमार चौधरी ने मीडिया को बताया कि बीते बुधवार तक ओडिशा ट्रेन हादसे में अब तक मुआवजे के 688 मामले सामने आये हैं। करीब 19 करोड़ 26 लाख रुपये अब तक बांटे जा चुके हैं। हादसे के बाद कुल 56 ट्रेनें अप दिशा में और 67 डाउन की दिशा में चल चुकी है। वहीं, ओडिशा के एक आला अधिकारी ने मीडिया को बताया कि भुवनेश्वर भेजे गये 193 लाशें में से 110 की पहचान कर ली गई है। जबकि 83 की पहचान की जानी बाकी है।
इधर, लोकेशन बॉक्स में छेड़छाड़ की बात सामने आते ही रेल मंत्रालय गंभीर हो गई। रेलवे बोर्ड ने सभी लोकेशन बॉक्स को सही सलामत रखने के लिहाज से अब डबल लॉक लगाने का फैसला किया है। वर्तमान में स्टेशन के ‘रिले रूम्स’ को डबल लॉक से सुरक्षित किया जाता है। सिग्नल व्यवस्था की देखरेख करने वाले और स्टेशन मास्टर के पास इन लॉक्स की चाबी मौजूद होती है। वहीं, लोकेशन बॉक्स में सिर्फ एक लॉक होता है, जिसकी चाबी सिग्नल व्यवस्था की देखरेख करने वाले शख्स के पास होती है। इसी व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए रेलवे ने डबल लॉक लगाने का फैसला किया है। वहीं, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके लाहोटी ने रेलवे कर्मचारियों से सिग्नल के रखरखाव में शॉर्टकट न लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि गलती कितनी भी छोटी क्यों न हो, ग्राउंड पर काम कर रहे कर्मचारियों को अपने सीनियर से कुछ भी छुपाना नहीं चाहिए।