रांची : किसानों को नये कृषि बिल को लेकर भ्रम में डालने की कोशिश की जा रही है। यह कृषि बिल उनके लिए हर तरह से फायदेमंद है। सच कहा जाए तो यह बिल किसानों के लिए राम मंदिर बनने और कश्मीर से धारा-370 हटने के समान है। ये बातें रांची के सांसद संजय सेठ ने कही। वे 30 सितंबर को रांची भाजपा महानगर कार्यालय में वर्चुअल माध्यम से प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग, उच्चतम न्यायालय और सीबीआई जैसी संवैधानिक संस्था पर यकीन नहीं करने वाले इस बिल का विरोध कर रहे हैं। वे किसानों का हित नहीं चाहते, बल्कि अपना राजनैतिक हित साधने में लगे हैं।
एपीएमसी एक्ट दलाली को बढ़ावा दे रहा था
संजय सेठ ने कहा कि पिछली सरकार ने एपीएमसी एक्ट पारित किया था, जिससे दलाली को बढ़ावा मिला। इसके तहत फसल को केवल सरकारी मंडी में ही बेचने और इससे रजिस्टर्ड व्यापारियों को ही खरीदने की व्यवस्था थी। इससे दलाली व्यवस्था को बढ़ाने का प्रावधान किया गया था और किसान गरीब होते गए और दलाल मालामाल होते चले गए। नई कृषि बिल में किसान सरकारी मंडियों के अलावा कहीं भी अपनी उपज बेच सकते हैं। वे चाहें तो दूसरे राज्य में भी अपनी उपज की बिक्री कर सकते हैं। उनसे कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा।
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बिल का विरोध किसान नहीं कर रहे
उन्होंने कहा जो इस बिल का विरोध कर रहे हैं ये न देश और न किसान हित में है। इसमें एक भी किसान नहीं दिखते केवल कांग्रेस के लोग रहते हैं। हम गांव-गांव और मोहल्ले टोले में पहुंच कर चौपाल लगाएंगे और लोगों को नई किसान बिल की जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि ये विधेयक किसानों के हित में हैं। इससे किसान को मजबूत और आत्मनिर्भर होंगे।
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