KohramLive : पीटी उषा (PT Usha) को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) का निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गय है। IOA के 95 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई महिला अध्यक्ष बनीं है। वो 10 दिसंबर को होने वाले चुनाव में अकेली कैंडिडेट हैं। इलेक्शन से पहले ही उनके नाम पर सभी ने सहमति जता दी है। पीटी उषा ने रविवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। उनके साथ उनकी टीम के 14 अन्य लोगों ने विभिन्न पदों के लिए नॉमिनेशन फाइल किया। IOA चुनावों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की लास्ट डेट 27 नवंबर यानी रविवार थी। जानकारी के अनुसार शुक्रवार और शनिवार को कोई नॉमिनेशन फाइल नहीं किया गया था। वहीं, रविवार को विभिन्न पदों के लिए 24 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया।
PT Usha elected as President of Indian Olympic Association
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— ANI Digital (@ani_digital) November 28, 2022
इस इलेक्शन में उपाध्यक्ष (महिला), संयुक्त सचिव (महिला) के पद के लिए मुकाबला होगा। कार्यकारिणी परिषद के चार सदस्यों के लिए 12 प्रत्याशी मैदान में है। आईओए में एक अध्यक्ष, एक वरिष्ठ उपाध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष (एक पुरुष और एक महिला), एक कोषाध्यक्ष, दो संयुक्त सचिव (एक पुरुष और एक महिला), छह अन्य कार्यकारी परिषद सदस्यों के चुनाव के लिए होंगे। जिनमें से दो (एक पुरुष और एक महिला) निर्वाचित ‘एसओएम’ से होंगे। कार्यकारी परिषद के दो सदस्य (एक पुरुष और एक महिला) एथलीट आयोग के प्रतिनिधि होंगे।
Congratulations to legendary Golden Girl, Smt. P T Usha on being elected as the President of Indian Olympic Association. I also congratulate all the sporting heroes of our country on becoming the office bearers of the prestigious IOA! Nation is proud of them ! pic.twitter.com/LSHHdmMy9H
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) November 27, 2022
‘पय्योली एक्सप्रेस’ नाम से मशहूर पीटी उषा (PT Usha) देश के जाने-माने एथलीटों में से एक हैं। उषा ने 1982 और 1994 के एशियाई खेलों में चार गोल्ड सहित 11 मेडल जीते हैं। इसके साथ ही उन्होंने 1986 के सियोल एशियन गेम्स में 200 मीटर, 400 मीटर, 400 मीटर बाधा दौड़ और 4×400 मीटर रिले रेस में गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलावा 100 मीटर में रजत भी जीता। उषा ने 1982 के नई दिल्ली एशियाई खेलों में 100 मीटर और 200 मीटर के पदक भी जीते। उन्होंने 1983 से 1998 तक एशियाई चैंपियनशिप में सामूहिक रूप से 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर बाधा दौड़, 4×100 मीटर रिले और 4×400 मीटर रिले में 14 स्वर्ण सहित कुल 23 पदक जीते। यहां याद दिला दें कि कई एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता 58 साल की उषा 1984 के ओलंपिक 400 मीटर बाधा दौड़ के फाइनल में चौथे पायदान पर रहीं थी।
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