Pakur : ”इसी धरती पर कर्मफल भुगतना पड़ता है, जो कुछ किया, वो वापस मिलेगा। आज जो तुझे रूला रहा है, कल उसे कोई रूलायेगा, खाली हाथ आया हूं, खाली हाथ जाऊंगा, साथ में एक ढेला नहीं जायेगा” अपनी जुबां पर सदा यह बोल रखने वाले समाजसेवी लुत्फ़ल हक मलेशिया में बड़ा सम्मान मिला है। उन्हें समाजसेवा के लिये मलेशिया के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ मसजली मालिक ने डॉक्टरेट की डिग्री से नवाजा है। उन्हें यह सम्मान मलेशिया के कुआलालंपुर शहर के स्विस गार्डन होटल में आयोजित एक समारोह में दिया गया। इस समारोह में ऑस्ट्रेलिया, फिलीपींस, न्यूजीलैंड, मलेशिया, बांग्लादेश, श्रीलंका, इंडोनेशिया एवं भारत के विद्वान मौजूद थे।
लुत्फ़ल हक को यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका का ग्लोबल ह्यूमेन राइट्स कॉउंसिल ने इंडो ग्लोबल एक्सलेंस अवार्ड से भी नवाजा है। मलेशिया के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉक्टर मालिक ने लुत्फ़ल हक द्वारा किये जा रहे समाजसेवा की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कम ही लोग होते हैं जो गरीब,दिनः दुखियों को सेवा करते हैं। ऐसे इंसान को पीढियां दर पीढियां याद रखेगी। समाजसेवा के क्षेत्र में निःस्वार्थ भावना से काम किये जाने को लेकर बंगाल इंटरनेशनल एक्सीलेंस अवार्ड से भी उन्हें नवाजा गया था। अवार्ड पाकर लुत्फ़ल हक ने कहा कि यह सब अवार्ड गरीबों के नाम है,गरीबों की दुआ के कारण यह सम्मान मिला है। “मैं खाली हाथ आया हूँ और इस दुनिया से खाली हाथ जाएंगे।”इधर मलेशिया में अवार्ड मिलने की खबर फैलते ही पाकुड़ के लोगों में खुशियां छाई है।
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