रांची : कृषि बिल के खिलाफ कांग्रेस पार्टी का विरोध जारी है। राजधानी रांची में भी पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने 28 सितंबर को मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका में धरना दिया। इसके बाद पार्टी के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह के नेतृत्व में राजभवन मार्च किया गया। पार्टी ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को इस संबंध में एक ज्ञापन भी सौंपा।
जमींदारी प्रथा को बल मिलेगा : आरपीएन सिंह
इस अवसर पर आरपीएन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार का कृषि बिल काला कानून है। इससे जमींदारी प्रथा को बल मिलेगा। कांग्रेस ने बहुत मुश्किल से इस कुप्रथा को खत्म किया था। लेकिन इस सरकार की मंशा ठीक नहीं लग रही। कानून के खिलाफ भाजपा की साथी पार्टियां भी उनका साथ छोड़ रही हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं रहने से ओने पौने दामों में किसानों से अनाज खरीदे जाएंगे, जिससे उन्हें नुकसान होगा। इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व राज्य सरकार के मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि इस कानून से बिचौलियों की बढ़ोतरी होगी और किसानों को हानि होगी। कृषि बिल संबंधी कानून बन गया है। राष्ट्रपति ने भी उसे अपनी मंजूरी दे दी है। इसके बावजूद किसानों के साथ कांग्रेस पार्टी खड़ी है। हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। कांग्रेस किसानों के पक्ष में लड़ेगी और जीतेगी।
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कई मंत्री और विधायक शामिल हुए
कार्यक्रम में मंत्री बादल मंत्री बन्ना गुप्ता, विधायक दीपिका पांडे सिंह अंबा प्रसाद, पूर्णिमा नीरज सिंह, प्रदीप यादव, नमन विक्सल कोनगाड़ी, उमाशंकर अकेला, सांसद गीता कोड़ा, सांसद धीरज साहू, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय, कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर, प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, आलोक दुबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, राजेश गुप्ता, शमशेर आलम, एम तौसीफ, कुमार राजा, संजय पांडेय, राकेश सिन्हा समेत अन्य मौजूद थे।
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