रांची : CM Hemant Soren ने रांची के प्रोजेक्ट भवन में तमिलनाडू से रेस्क्यू की गई 22 लड़कियों को नियुक्ति पत्र सौंपा। लॉकडाउन का फायदा उठा कर झारखंड की इन 22 लड़कियों से तमिलनाडु में जबरन सिलाई और कढ़ाई काम कराया जा रहा था। सभी लड़कियां पिछले 6 महीने से अपने घर झारखंड वापस लौटना चाह रही थीं। लेकिन कन्याकुमारी स्थित यूनिसोर्स ट्रेंड इंडिया कंपनी प्रबंधन उनकी बातों को अनसुना कर रहा था। इन लड़कियों से ओवर टाइम भी कराया जा रहा था। यहां तक कि लड़कियों की अपने अभिभावकों से बात भी नहीं करने दिया जाता था। लड़कियों के अभिभावकों ने श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता से संपर्क किया। मंत्री के आदेश पर रांची के राज्य प्रवासी श्रमिक नियंत्रण कक्ष ने स्थानीय एनजीओ की मदद से संबंधित कंपनी से संपर्क किया और सभी लड़कियों की सफल वापसी करायी गई। ये लड़कियां 11 अक्टूबर को दिल्ली के रास्ते रांची लायी गयी थीं।
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CM Hemant Soren ने कही ये बात…
इस मौके पर CM Hemant Soren ने कहा कि झारखंड से लाखों लोग रोजगार की तलाश में पलायन करते हैं। जब उन्होंने इससे जुड़े आंकड़ों को देखा, तो उन्हें काफी आश्चर्य हुआ कि खनिज संपदा से भरपूर इस राज्य में बेरोजगारी चरम पर है। बीते दिनों जब उनकी सरकार को पता चला कि तमिलनाडु में राज्य की 22 लड़कियों से जबरन काम कराया जा रहा है, तो सरकार ने पहल करते हुए लड़कियों को न केवल वहां से रेस्क्यू कराया बल्कि झारखंड में रोजगार भी देने की व्यवस्था की। मुख्यमंत्री ने कहा कि किशोर एक्सपोर्ट में इन लड़कियों को प्रतिमाह 10,600 रुपये वेतन दिया जायेगा। यह वेतन कोरोना को देखते हुए काफी सकारात्मक है।
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