- काफी समय से आदिवासियों संगठनों द्वारा सरना धर्म कोड की मांग की जा रही
- हेमंत सरकार बनने के बाद फिर से धर्म कोड को लेकर उठ रही आवाज
रांची : सरना Dharma code को लेकर झारखंड में फिर से मांग तेज होने लगी है। राजधानी रांची में 20 अक्टूबर को इसे लागू करने के समर्थन में विशाल रैली निकाली गई। इसमें रांची सहित राज्यभर के विभिन्न आदिवासी सामाजिक-धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए लोग
विभिन्न आदिवासी और सामाजिक और धार्मिक संगठनों के लोग सरना Dharma code की मांग को लेकर रांची के पिस्का मोड़, रातू रोड होते हुए मोरहाबादी मैदान तक रैली निकाली। इसमें हजारों की संख्या में आदिवासी समुदाय के शामिल हुए। रैली में भाग लेने के लिए हेहल, बजरा, हेसल, कमडे, पंडरा, बनहोरा, टगरा टोली, चटकपुर, कटरगोंदा, सुडील, मधुकम आदि गांव के लोग पहुंचे। सभी रैली में पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए।
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रैली में शामिल आदिवासी सेना अध्यक्ष शिवा कच्छप ने संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी के लिए हर हाल मे आविलंब धर्म कोड सरना दे देना होगा। 2021 की जनगणना में यदि आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड नहीं होगा, तो फिर आदिवासियों की जनसंख्या घटा दी जायेगी।
धर्म कोड लागू नहीं होना अपमान
शिवा कच्छप ने कहा कि प्रकृति पूजक आदिवासियों को आज मान्यता नहीं दी जा रही है, तभी इनके आस्था धर्म को जनगणना में शामिल नहीं किया गया है। लोकतांत्रिक देश में जनसंख्या से ही सब कुछ तय होता है। उसी के आधार पर नौकरी, आरक्षण, बजट आदि मे भागीदारी मिलती है। धर्म कोड नहीं मिलने से आदिवासी सम्मानित महसूस नहीं करते । सरना धर्म कोड के मामले मे अब सभी आदिवासी संगठन एकजुट हो चुके हैं। मौके पर कई आदिवासी संगठनों के हजारों स्त्री-पुरुष और उनके बच्चे भी मौजूद थे।
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