कोहराम लाइव डेस्क : बच्चों को यौन शिक्षा देने के साथ ही उन्हें GoodTouch और Bad Touch के बारे में बताना बेहद जरूरी है। बच्चों के प्रति बढ़ते अपराध का मुख्य कारण बच्चों में जागरुकता की कमी होती हैं। माता–पिता अपना कर्तव्य केवल अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा, खाना-पीना, कपड़े पहनना, बड़ों का सम्मान करना और अच्छे संस्कार देने तक सीमित मानते हैं। माता-पिता अपने बच्चों को GoodTouch और Bad Touch के बारे में बताना कम जरूरी समझते हैं और संकोच भी करते हैं, जिसके कारण बच्चे यौन शोषण के शिकार होते हैं।
Good Touch and Bad Touch क्या हैं ?
अच्छा स्पर्श अगर कोई आपको Touch करे और उससे आपको अच्छा लगे तो ये GoodTouch होता है। बुरा स्पर्श जब कोई आपको इस तरह से Touch करे कि आपको उससे बुरा लगे तो ये Bad Touch होता है। अगर कोई अनजान व्यक्ति प्राइवेट पार्ट्स गलत तरीके से छूने की कोशिश करे तो यह बैड टच होता है।
हमारा समाज विकसित हो रहा है इसके साथ ही में मनुष्य की आपराधिक भावना भी बढ़ रही है। मानव को पिछले युग में कई बदलाव देखने को मिले है। कुछ समय पहले आपराधिक दिमाग वाले लोग समाज की वस्तुओं को निशाना बनाते थे, लेकिन हाल के वर्षों में ये छोटे बच्चों और शिशुओं को निशाना बनाने लगे हैं। मानवता पशुता में ढलती जा रही है। छोटे बच्चों और शिशुओं को वो लोग निशाना बनाने लगे हैं।
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जो अपने यौन आकर्षण के लिए इनका गलत इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इन्हें मालूम है कि कम उम्र के बच्चे कमजोर व नासमझ होते हैं और दूसरों से जल्दी घुल-मिल जाते हैं व दूसरों पर जल्दी विश्वास भी कर लेते हैं। इस तरह के ज्यादातर अपराधी घर में से ही या आस-पड़ोस या जान पहचान वाले ही होते हैं। कई बार बच्चों को स्कूल कर्मचारी के साथ स्कूल ले जाने वाले ट्रांसपोर्ट के लोग भी ऐसे अपराध करते हैं।
Good और Bad Touch के बारे में सतर्क करें
बच्चों को उनकी शारीरिक संरचना के बारे में बताएं
हम अपने बच्चों को ये समझा सकते हैं कि हमारे शरीर में कुछ अंग ऐसे होते हैं जो सब को दिखते हैं परंतु कुछ अंग ऐसे होते हैं जिन्हें सिर्फ और सिर्फ हम देख या छू सकते हैं। उन्हें हम प्राइवेट पार्ट्स कहते हैं। बच्चों को बताएं कि उनके प्राइवेट पार्ट्स कौन से हैं, और बच्चों को ये बताएं कि शरीर के इन हिस्सों को किसी को न छूने दें।
बच्चों को अपने शरीर का मालिक बनने दें
जब बच्चे 3–4 साल के हो जाए तो उन्हें समझाये कि उनके शरीर पर केवल उनका ही अधिकार है। अगर किसी के द्वारा उनके शरीर को छूना अच्छा न लगे तो उसका कड़ा विरोध करें और ऐसी बाते आपको आकर जरुर बताएं। बच्चों के साथ जब भी कुछ गलत होता है तो उनके व्यहार में परिवर्तन देखने को मिलता है। ऐसे में उसके मन को पढने की कोशिश करें और उनसे खुलकर बात करें। बच्चे को खुलकर इस बारे में बात कर बताएं कि आपको लिए यह अच्छा है और यह आपके लिए बुरा है।
बच्चों को ना कहना सिखाएं
बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाना सबसे ज़रूरी है और बच्चों के मन से डर दूर करें और उन्हें ना कहना सिखाएं। अगर उन्हें कोई गलत तरीके से छूने की कोशिश करे तो वे प्रताड़ित करने वाले से डरे नहीं बल्कि उन्हें ऐसा न करने के लिए बोलें। प्रताड़ित करने वाले से बचने के लिए शोर मचाने तरकीब बच्चों को सिखाएं ताकि आसपास के लोग उसकी चीख सुनकर उसके मदद को आ सके।
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