- गजब का विभागीय कारनामा, यह तो नाइंसाफी है
- पिछले कई महीनों से pension को लेकर शिक्षा विभाग व बैंक का चक्कर काट रहे हैं प्रयाग तांती
गढ़वा, नित्यानंद दुबे : जिले के डंडई प्रखंड का जरही गांव। सेवानिवृत्त शिक्षक प्रयाग ताती के थक गए हैं पांव। पिछले कई महीनों से अपनी pension के लिए शिक्षा विभाग व बैंक का काट रहे हैं चक्कर। सवाल उठता है आखिर क्यों। शिक्षा विभाग का गजब का कारनामा। जीवित रिटायर्ड शिक्षक को बिना सही जानकारी के एक साल पहले कर दिया मृत घोषित। बंद कर दी गई पेंश। यह तो विभाग की घोर लापरवाही और एक शिक्षक के साथ नाइंसाफी है। pension की राशि भारतीय स्टेट बैंक के पिपरा कला ब्रांच से मिलती थी।
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वर्ष 2002 में वह हुए थे सेवानिवृत्त
प्रयाग ताती ने बताया कि उन्होंने वर्ष 1964 में डंडई प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय महुडड में योगदान दिया था। विभाग द्वारा कुछ वर्ष बाद उन्हें भवनाथपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय तोरेलावा में भेज दिया गया। वहां लगभग 12 वर्ष काम करने के बाद वर्ष 2002 में वह रिटायर हुए थे, लेकिन विभाग द्वारा 20 जनवरी 2020 से उन्हें मृत बताकर उनकी पेंशन बंद कर दी गई। अब फिर से इस उम्र में पेंशन चालू कराने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। उन्होंने भावुक होकर कहा, सेवानिवृत्ति के बाद मूल वेतन से कटा हुआ पैसा ही पेंशन के रूप में मिलता है। इसके बाद भी अधिकारियों की लापरवाही के कारण मुझे मृत बताकर मेरा पेंशन बंद कर दिया गया है। इस अवस्था में जीवन गुजारना भी मुश्किल हो गया है। परिवार में मेरा एक पुत्र सचिंद्र प्रसाद है, जो बेरोजगार है।
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कागजात फिर जमा करने के 7 माह बाद भी नहीं चालू हुई pension
प्रयाग ने कहा कि पेंशन बंद होने पर बैंक गया तो बैंक के अधिकारियों ने बताया कि आपको विभाग द्वारा मृत घोषित कर दिया गया है। अपने सभी कागजात फिर से बैंक व विभाग को जमा कर दीजिए। सारे कागजात जमा करने के बाद 7 माह बीत गए, लेकिन आज तक पेंशन चालू नहीं हुई।
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