दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) की कीमतों में गिरावट
नई दिल्ली : देश में कुछ तेल आयातकों के बेपरता कारोबार के कारण बीते सप्ताह दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) की कीमतों में गिरावट दर्ज हुई जबकि तेल रहित खल (डीओसी) के दाम घटने से सोयाबीन दाना और लूज के भाव में भी गिरावट आई। बाजार के जानकार ने कहा कि देश में कुछ आयातक बैंकों में अपने साख पत्र को घुमाते रहने के लिए विदेशों से पाम तेल (सीपीओ) की जानबूझकर महंगे दाम पर खरीद करते हैं और देश में मांग न होने के कारण सस्ते में इसकी बिक्री कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात को ध्यान में लेते हुए बैंकों के पैसों के बल पर ऐसे बेपरता कारोबार करने वालों पर अंकुश लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये कारोबारी देशी तेलों का भाव तोड़ने में अहम भूमिका निभा रहे हैं और सरकार ने इनपर लगाम नहीं कसी, तो देश आत्मनिर्भरता की राह पर नहीं बढ़ पाएगा।
बाजार के जानकार ने कहा कि सरकार को इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से करानी चाहिए।
देशी तिलहन किसानों के समृद्धि के रास्ते पर रोड़ा अटकाने वाले आयातकों पर अंकुश लगाना चाहिए। ये आयातक किसान एवं तेल उद्ययोग के विकास की राह में रोड़ा अटका रहे हैं और बैंकों की गैर-निष्पादक आस्तियां बढ़ा रहे हैं। देश का तेल उद्योग दोहरी मार का सामना कर रहा है। एक तो देश में बढ़ते सस्ते आयात के कारण मांग नहीं है दूसरा बेपरता कारोबार के कारण पाम तेल के भाव का अंतर 300 रुपए प्रति क्विन्टल हो गया है। ऐसी स्थिति के बीच सीपीओ की कीमत पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 60 रुपए की हानि के साथ 7,540-7,590 रुपए प्रति क्विन्टल पर बंद हुई, जबकि पामोलीन दिल्ली और कांडला की तेलों की कीमतें क्रमश: 9,100 रुपए और 8,300 रुपए प्रति क्विन्टल पर अपरिवर्तित रहीं।
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