आरक्षण 14 से बढ़ाकर 50% करें : राज्य पिछड़ा आयोग
झारखण्ड : राज्य पिछड़ा आयोग ने सरकार को भेजा अनुशंसा पत्र। राज्य पिछड़ा आयोग ने हेमंत सोरेन सरकार से अनुशंसा की है – झारखंड में पिछड़ी जातियों (ओबीसी) की आबादी कुल आबादी का लगभग 55% है। इस आधार पर अभी जो 14% आरक्षण दिया जा रहा है, बहुत कम है।
तमिलनाडु में एससी-एसटी-ओबीसी आरक्षण का दायरा 69%
सरकार चाहे तो जनसंख्या के अनुपात से ओबीसी को 50% आरक्षण दे सकती है। अपनी अनुशंसा में यह भी कहा है कि उसने तमिलनाडु और महाराष्ट्र में पिछड़ी जातियों को मिल रहे आरक्षण का भी अध्ययन किया है। आयोग ने कहा है कि तमिलनाडु में एससी-एसटी-ओबीसी आरक्षण का दायरा 69% है। इसमें ओबीसी को 50, एससी को 18 और एसटी को 0.1 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है। अब इस अनुशंसा पर राज्य सरकार को अंतिम निर्णय लेना है।
सरकार अनुशंसा मानने को बाध्य नहीं है।
सरकार अनुशंसा मानने को बाध्य नहीं है। उल्लेखनीय है कि झारखंड में लंबे समय से ओबीसी आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग हो रही है। पिछड़े वर्ग के लोग आंदोलनरत भी रहे हैं। विधानसभा चुनाव-2019 में यह प्रमुख चुनावी मुद्दा भी रहा। पूववर्ती रघुवर दास सरकार ने भी आरक्षण का दायरा बढ़ाने के लिए पिछड़ा वर्ग की आबादी सर्वे का भी निर्देश दिया था।
तीन दिन बैठक के बाद लिया निर्णय
ओबीसी आरक्षण 50 फीसदी करने को लेकर राज्य पिछड़ा आयोग ने 3 दिन तक लगातार बैठक की। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति लोकनाथ प्रसाद के नेतृत्व में तमिलनाडु में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का अध्ययन किया गया। वहां राज्य सरकार द्वारा तय ओबीसी आरक्षण को देखते हुए झारखंड में भी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
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