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बिजली उपभोक्‍ताओं को राहत, नहीं देना होगा मीटर रेंट

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वर्तमान बिजली दर में किसी भी प्रकार की नहीं की गई बढ़ोतरी

रांची : झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने कोरोना और लॉकडाउन के इफेक्‍ट को देखते हुए उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। आयोग ने वर्तमान बिजली दर में किसी भी प्रकार की कोई बढ़ोतरी नहीं की है। साथ ही उपभोक्‍ताओं को कई प्रकार की छूट और सुविधा दी है।

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झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने आयोग में पिछले दिसंबर में वर्तमान बिजली दर में 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था। मगर आयोग ने जेबीवीएनएल के प्रस्‍ताव को दरकिनार करते हुए उपभोक्‍ताओं को राहत दी है। आयोग ने कॉमर्शियल, कृषि और इंडस्ट्रियल उपभोक्ताओं को भी बड़ी राहत दी है। कॉमर्शियल एवं इंडस्ट्रियल उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज में मामूली बढ़ोतरी करके उनकी बिजली दर कम कर दी है। उपभोक्ताओं को वर्तमान में दी जाने वाली सब्सिडी या कोई दूसरी सुविधा पर सरकार निर्णय लेगी।

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उपभोक्‍ताओं को दी ये राहत

  • उपभोक्ताओं से नहीं लिया जायेगा मीटर रेंट
  • डीपीएस (डिले पेमेंट सरचार्ज) की दर में महीना 1.5 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत यानि की साल में राउंड फिगर में 12 प्रतिशत कर दिया।
  • ऑनलाइन भुगतान पर 1 प्रतिशत तथा ड्यू डेट के अंदर भुगतान पर 1 प्रतिशत छूट के साथ कुल 2 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
  • बिजली दर के फिक्स चार्ज की वसूली को आपूर्ति घंटे से जोड़ा जाएगा। एचटी उपभोक्ताओं के लिए 23 घंटा एवं एलटी उपभोक्ताओं के लिए यह 21 घंटे तक होगा। यानि कि हाई-टेंशन उपभोक्ताओं को कम से कम 23 घंटा एवं आम उपभोक्ताओं को कम से कम 21 घंटे बिजली देना होगा, नहीं तो फिक्स चार्ज वसूली में निगम को लॉस सहना होगा।
  • 1 जनवरी तक राज्य के सभी उपभोक्ताओं को मीटर कर देना अनिवार्य होगा।
  • मीटर रीडिंग सिस्टम होने के कारण बिजली इंस्पेक्टर अब उपभोक्ताओं के घर जाकर लोड का निरीक्षण नहीं कर पाएंगे।
  • बिजली वितरण कंपनी या उसके लाइसेंसी बिलिंग एजेंसी अगर दो माह तक उपभोक्ताओं को बिजली बिल नहीं देते हैं, तो तीसरे माह से प्रति माह बिल में 1 प्रतिशत एवं अधिकतम तीन माह तक 3 प्रतिशत की छूट उपभोक्ताओं को मिलेगी।
  • प्री-पेड मीटर वितरण कंपनी को प्रोवाइड करना होगा, अगर ऐसा नहीं होता है और कोई उपभोक्ता खुद इस मीटर का इस्तेमाल करते हैं, तो उन्हें 3 प्रतिशत की विशेष छूट एवं सिक्यूरिटी की वापसी करनी होगी।
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