- सभी 17 विदेशियों से वसूला गया 2200-2200 रुपए जुर्माना
- हिंदपीढ़ी निवासी हाजी मेराज से वसूला गया 6200 रुपए जुर्माना
रांची : राजधानी रांची में कोरोना महामारी को फैलाने के मामले में तब्लीगी जमात से जुड़े 17 विदेशी सहित 18 लोगों को सीजेएम रांची फहीम किरमानी की अदालत ने सोमवार को जुर्माना लेकर मामले से मुक्त कर दिया। इससे पूर्व सीजेएम की अदालत में मामले से जुड़े सभी आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने अधिवक्ता के साथ हाजिर हुए। सभी आरोपियों ने अपने-अपने वतन जाने की इच्छा को अदालत के सामने रखा। साथ ही अनुरोध किया कि सभी विदेशी आरोपी अपना-अपना अपराध कबूल कर रहे हैं। सभी आरोपियों ने कोर्ट के समक्ष लिखित आवेदन देकर अपना-अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
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जिसके बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को जुर्माना भर देने की स्थिति में मामले से मुक्त करने का आदेश दिया। अपराध कबूल कर लेने के बाद कोर्ट ने सभी 17 विदेशी आरोपियों को 2200-2200 रुपए का जुर्माना लगाया। वहीं हिंदपीढ़ी रांची के रहने वाले आरोपी हाजी मेराज को 6200 रुपए का जुर्माना लगाया।
मालूम हो कि अदालत के समक्ष सोमवार को इस मामले में सभी 18 आरोपियों के खिलाफ आरोप गठन के बिंदु पर सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित थी। इसी बीच सभी आरोपियों द्वारा अपना-अपना अपराध कबूल कर लेने की वजह से कोर्ट ने सभी 18 आरोपियों को जुर्माना की राशि जमा करने का आदेश दिया। इसके बाद सभी 18 आरोपियों की ओर से कोर्ट में जुर्माना की राशि जमा की गई। जुर्माना की राशि जमा करने के बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को इस मामले से मुक्त कर दिया। कोर्ट ने 17 विदेशी आरोपियों को आइपीसी की धारा 269 के तहत एक-एक हजार रुपये जुर्माना, आइपीसी की धारा 290 के तहत 200-200 रुपये जुर्माना तथा एपिडेमिक डिजीज एक्ट की सेक्शन बी के तहत एक-एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया, जबकि एक अन्य रांची के आरोपी हाजी मेराज के खिलाफ कोर्ट ने कुल 6200 रुपये का जुर्माना लगाया।
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कोर्ट को बताया गया कि तब्लीगी जमात के 17 विदेशियों को रांची से 30 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। सभी आरोपियों को 15 जुलाई को हाइकोर्ट से जमानत मिली थी। ये सभी टूरिस्ट के रूप में भारत आये थे। वे दिल्ली में एक जलसा में शामिल होने के बाद 18 मार्च को रांची पहुंचे थे। उन्हें तीन माह के भीतर अपने- अपने देश वापस लौटना था। छह माह से कम के टूरिस्ट वीजा पर आने वालों को प्रशासन को खबर करने की जरूरत नहीं थी। इन्होंने कानून का कोई उल्लंघन नहीं किया। लॉकडाउन के कारण वे रांची में फंस गये थे और मस्जिद में रूके हुए थे।
मालूम हो कि रांची पुलिस ने 30 मार्च 2020 को हिंदपीढ़ी बड़ी मस्जिद एवं मदीना मस्जिद में रह रहे तब्लीगी जमात के 17 विदेशियों को गिरफ्तार किया था। इसमें चार महिलाएं भी शामिल थी।
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अपराध कबूलने वाले और मामले से मुक्त होने वाले आरोपियों में लंदन का जाहिद कबीर, शिपहान हुसैन खान, यूके का महासीन अहमद, काजी दिलावर हुसैन, वेस्टइंडीज का फारूख अल्बर्ट खान, हॉलैंड का मो. सैफुल इस्लाम, त्रिनिदाद का नदीम खान, जांबिया का मूसा जालाब, फरमिंग सेसे, मलेशिया का सिति आयशा बिनती, नूर रशीदा बिनती, नूर हयाती बिनती अहमद, नूर कमरूजामा, महाजीर बीन खामीस, मो. शफीक एवं मो. अजीम तथा रांची के हाजी मेराज शामिल हैं।