Chaibasa : मोस्ट वांटेड खूंखार हाबिल पूर्ति धरा गया। उसे चाईबासा की मनोहरपुर पुलिस ने दबोचा है। चाईबासा पुलिस कप्तान आशुतोष शेखर को इन्फॉर्मेशन मिली थी कि नक्सली मामलों में पुलिस जिसकी तलाश बीते दस सालों से कर रही थी, वह अपने घर आया हुआ है। उसका घर गोइलकेरा थाना क्षेत्र के पोसैता गांव में है। वह अपने भाई से मुलाकात करने आया था। हाबिल का भाई गांव में ही खेती-बाड़ी करता है। मिले इनपुट को पुलिस कप्तान ने गंभीरता से लिया। तेज तर्रार माने जाने वाले मनोहरपुर थानेदार अमित कुमार को टीम बनाकर हाबिल पूर्ति को दबोचने का टास्क दिया गया। थानेदार अमित की देखरेख में टीम गठित की गई। ताबड़तोड़ छापेमारी की गई और खूंखार नक्सली हाबिल पूर्ति पुलिस की गिरफ्त में आ गया।
साल 2009 में डिंबुली पंचायत के डिंबुली गांव के पंचायत भवन को बम से उड़ाने और सारगीडीह में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. कंपनी के क्रशर प्लांट में आग लगाने के मामले में यह नामजद आरोपी है। हाबिल के खिलाफ पुलिस फाइल में कुल 7 संगीन मामले दर्ज हैं। इनमें मर्डर, अटैम्प्ट टू मर्डर, आर्म एक्ट, रंगदारी, सीएलए एक्ट जैसे कई संगीन मामले शामिल हैं।
खूंखार हाबिल पूर्ति बीते दस सालों से पुलिस की आखों में धूल झोंक रहा था। वह अपना नाम और पहचान बदल कर ओडिशा में रह रहा था। लोगों को वह अपना नाम दीपक पूर्ति बताया करता था। कलूंगा में रहकर वहीं के एक फैक्ट्री में काम कर रहा था। अपने परिवार को अपने साथ रखा हुआ था। अपने भाई से मिलने गांव आया और धरा गया।
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