कोहराम लाइव डेस्क : सरसों के तेल (Mustard-Oil)को सदियों से उपयोग में लाया जा रहा है। इसके कई फायदे हैं। इस तेल को अधिकतर लोग सिर्फ खाना बनाने के लिए ही इस्तेमाल में लाते हैं, लेकिन यह सिर्फ भोजन बनाने तक ही सीमित नहीं है। यह तेल शरीर की कई छोटी-बड़ी समस्याओं को दूर करने में भी मदद कर सकता है। यह दिल से लेकर दिमाग तक को फिट रखता है।
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सरसों का तेल एक प्राचीन तेल है, जो हमारे शरीर के अंदर और बाहर दोनों ही सेहत के लिए ढेर सारे फायदे देने वाला तेल है. इस तेल में मोनो अनसैचुरेटेड फैटी एसिड (एमयूएफए) होते हैं, जो हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के सही संतुलन को बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है. यह तेल अल्फा लिनोलेइक एसिड से भी समृद्ध है, जो हमारी कार्डियक फंक्शनिंग को सुरक्षा देता है. भारतीय भोजन पकाने में सरसों के तेल का उपयोग करना एक पुरानी परंपरा है और यह हमारी सेहत को ढेर सारे फायदे देता है.
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सूजन को कम करता है
सरसों के तेल में सेलेनियम पाया जाता है जिसके कारण यह एंटी इंफ्लामेट्री होता है। सरसों के तेल से शरीर पर मालिश की जाए तो यह आपके शरीर को दर्द, सूजन से बचाकर रखता है। जिन लोगों को गठिया की बीमारी है उन लोगों को सरसों के तेल से मालिश करने की सलाह दी जाती है।
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दिल को स्वस्थ रखता है
अगर आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल सही है तो आपका दिल भी स्वस्थ रहेगा, वो कैसे? हमारे शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स ब्लड वैसील्स से जुड़ जाते हैं और खून के बहाव को रोकते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। खून का बहाव सही मात्रा में न होने से हमारे दिल पर बुरा असर पड़ता है। सरसों का तेल खाने से खराब कोलेस्ट्रॉल हमारे पेट में जमा नहीं होता है, जिससे खून का बहाव सही मात्रा में बना रहता है।
सांस की बीमारी को करता है दूर
सरसों का तेल एंटी- इंफ्लामेट्री होता है, जिस कारण यह गठिया की बीमारी में होने वाले दर्द से आराम देता है। सरसों का तेल पीने से आपको कभी सांस की बीमारी नहीं होगी। आपके फेफड़ों में हवा का बहाव सही बना रहेगा। जो अस्थमा या फिर सांस की बीमारी से गुज़र रहे हैं, उन लोगों को सरसों के तेल का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
कैंसर से भी बचाता है सरसों तेल
कैंसर एक घातक बीमारी है, जिससे हर कोई बचना चाहता है। ऐसे में सरसों के तेल का इस्तेमाल इस समस्या से बचने के लिए कुछ हद तक मदद कर सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन से पता चलता है कि एलिल आइसोथियोसाइनेट (सरसों के तेल) में एंटी कैंसर गुण होते हैं, जो कैंसर सेल्स के विकास को रोकने का काम कर सकते हैं।
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सोचने की क्षमता को बढ़ाता है
सरसों के तेल का रोज़ाना सेवन करने से हमारा दिमाग ज्यादा अच्छे से काम करने लगता है। सरसों के तेल में फैटी एसिड पाया जाता है और यह दिमाग में मौजूद सेल मेमरेन के लिए जरूरी आहार देते हैं। फैटी एसिड की मात्रा सही रहने से हमारा दिमाग अच्छे से काम करता है साथ ही यह दिमाग की बीमारी से भी दूर रखता है।
त्वचा के लिए लाभदायक
सरसों के तेल के फायदे शरीर के साथ-साथ त्वचा से भी जुड़े हुए हैं। सरसों का तेल चेहरे के लिए बहुत लाभदायक होता है। इससे त्वचा को भी कई सारे फायदे होते हैं। त्वचा पर सरसों का तेल लगाने से डेड सेल निकल जाते हैं और यह स्किन को हल्का कर देता है। बच्चों और बूढ़ों को सरसों के तेल से मालिश करने की सलाह दी जाती है।
सूरज की हानिकारक किरणों से त्वचा को बचाता है
सरसों के तेल में विटामिन ई होता है, जो यूवी रेज को त्वचा पर हानिकारक असर करने से रोकता है। सरसों के तेल को त्वचा पर लगाने के बाद थोड़ी देर मालिश करें। तेल को त्वचा पर लगाने के बाद एक मोटी परत बन जाती है जो सूरज की हानिकारिक किरणों को त्वचा पर आने नहीं देती है।
- सरसों के तेल के फायदे बालों के लिए
सरसों के तेल में फैटी एसिड और विटामिन सी पाया जाता है। सरसों का तेल बालों के लिए बहुत फायदेमंद है। बालों की जड़ों में सरसों तेल लगाने से बाल मजबूत होते हैं और बालों को जरूरी पोषण मिलता है। यह बालों में से डेड सेल को निकालता है। यह तेल बालों को नेचुरली काला बनाता है। इसमें विटामिन सी और मिनरल्स होने के कारण यह बालों को सफेद होने से रोकता है और बालों को जरूरी पोषण भी देता है।
दांतों को भी रखता है स्वस्थ
सरसों का तेल दातों को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है। सरसों के तेल के साथ हल्दी मिलकार दातों पर मालिश करने से प्लेग नहीं लगता है। यह दांतों को चमकाने में मदद करता है। साथ ही यह मजूड़ों की सूजन से भी बचाकर रखता है।