spot_img
Friday, September 22, 2023
23.1 C
Ranchi
28 C
Patna
29 C
Lucknow
spot_img
Friday, September 22, 2023
spot_img

Related articles

spot_img
spot_img
spot_img

Tradition : सुहाग से जुड़ा है सिंदूर खेला, मां दुर्गा की करते हैं बिदाई

spot_img
spot_img
spot_img

कोहराम  लाइव  डेस्क : Tradition : दुर्गा विसर्जन के बाद महिलाएं सिन्दूर खेला करती हैं। शारदीय नवरात्रि के अंतिम दिन दुर्गा पूजा और दशहरा के अवसर पर बंगाली समुदाय की महिलाएं मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित करती हैं।  इसके बाद सुहागिन महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाती हैं।  इसे ही सिंदूर खेला कहा जाता है।  सिंदूर खेला को मां की खुशी-खुशी विदाई के रूप में मनाया जाता है।  सिंदूर खेला के वक्त विवाहित महिलाएं पान के पत्तों से मां दुर्गा के गालों को स्पर्श करते हुए उनकी मांग और माथे पर सिंदूर लगाकर अपने सुहाग की लंबी आयु की मुराद मांगेंगी।  इसके बाद महिलाएं मां को पान और मिठाई का भोग अर्पित करेंगी।

सिंदूर खेला की परंपरा 450 साल पहले शुरू हुई थी 

दशमी पर सिंदूर लगाने की परंपरा Tradition सदियों से चली आ रही है।  खासतौर से बंगाली समाज में इसका बहुत महत्व है।  ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा साल में एक बार अपने मायके आती हैं और वह अपने मायके में 10 दिन रुकती हैं, जिसको दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है। सिंदूर खेला कि रस्म पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में पहली बार शुरू हुई थी।  लगभग 450 साल पहले वहां की महिलाओं ने मां दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी, कार्तिकेय और भगवान गणेश की पूजा के बाद उनके विसर्जन से पूर्व उनका श्रृंगार किया और मीठे व्यंजनों का भोग लगाया।  खुद भी सोलह श्रृंगार किया।  इसके बाद मां को लगाए सिंदूर से अपनी और दूसरी विवाहित महिलाओं की मांग भरी।  ऐसी मान्यता थी कि भगवान इससे प्रसन्न होकर उन्हें सौभाग्य का वरदान देंगे और उनके लिए स्वर्ग का मार्ग बनाएंगे।

देवी बोरन

मायता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा 10 दिनों के लिए अपने मायके आती हैं।  इसे ही दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है।  लेकिन दशमी पर मां पार्वती अपने पति के घर भगवान शिव के पास वापस कैलाश पर्वत पर चली जाती हैं।  सौराल विदाई (विसर्जन) से पहले मां के साथ पोटली में श्रृंगार का सामान और खाने की चीजें रखी जाती हैं।  इसे देवी बोरन कहा जाता है।

इसे  भी पढ़ें :Office की चिंता है खतरनाक, दोगुनी रफ्तार से पैदा होते हैं स्ट्रेस हार्मोन

इसे भी पढ़ें :सर्दियों में Car Driving का है प्लान, इन बातों का रखें ध्यान

- Advertisement -
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img

Published On :

spot_img

Recent articles

spot_img

Don't Miss

spot_img
spot_img
spot_img