spot_img
Friday, June 2, 2023
spot_img
2 June 2023
spot_img
spot_img

Related articles

spot_img
spot_img

Navratri का दूसरा दिन : वैराग्य में वृद्धि करती हैं मां ब्रह्मचारिणी

spot_img
spot_img

कोहराम लाइव डेस्क : 18 अक्टूबर को Navratri का दूसरा दिन है। नवरात्र के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। सोशल मीडिया पर सुबह से मां की पूजा, बधाई संदेश और उनकी कथा वायरल हो रही है। Twitter पर यह बहुत ट्रेंड कर रहा है। Twitterसभी एक-दूसरे को नवरात्र के दूसरे दिन की बधाई दे रहे हैं और माता को नमन कर रहे हैं। शारदीय नवरात्र हिन्‍दुओं के प्रमुख त्‍योहारों में से एक हैं। Navratri के दौरान मां दुर्गा को नौ अलग-अलग रूपों से पूजा जाता है।

मां ब्रह्मचारिणी पूर्ण ज्योतिर्मय हैं 

मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य है। मां की पूजा तप, शक्ति, त्याग, सदाचार, संयम और वैराग्य में वृद्धि करती है और शत्रुओं का नाश करती है। देवी के दाहिने हाथ में जप की माला और बाएं हाथ में कमंडल लिए श्वेत वस्त्र में देवी विराजमान हैं।

पूजा की विधि

मां ब्रह्मचारणी की पूजा में पुष्प, अक्षत, रोली, चंदन का प्रयोग किया जाता है। पूजन आरंभ करने से पूर्व मां ब्रह्मचारिणी को दूध, दही और शर्करा से स्नान कराया जाता है। इसके उपरांत मां ब्रह्मचारणी को प्रसाद अर्पित करें। इस क्रिया को पूरा करने के बाद आचमन और फिर पान, सुपारी भेंट करनी चाहिए। फिर स्थापित कलश, नवग्रह, नगर देवता और ग्राम देवता की पूजा करनी चाहिए।

इसे भी देखें : IPL : धवन के धमाकेदार शतक से दिल्ली ने चेन्नई को हराया

Navratri spl : कथा इस प्रकार है

मां ब्रह्मचारिणी ने राजा हिमालय के घर जन्म लिया था। नारदजी की सलाह पर उन्होंने कठोर तप किया, ताकि वे भगवान शिव को पति स्वरूप में प्राप्त कर सकें। कठोर तप के कारण उनका ब्रह्मचारिणी या तपश्चारिणी नाम पड़ा। भगवान शिव की आराधना के दौरान उन्होंने 1000 वर्ष तक केवल फल-फूल खाए और 100 वर्ष तक शाक खाकर जीवित रहीं। कठोर तप से उनका शरीर क्षीण हो गया।

इसे भी देखें : WhatsApp Call को ऐसे करें रिकॉर्ड, जानिये पूरा प्रो‍सेस

उनका तप देखकर सभी देवता, ऋषि-मुनि अत्यंत प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि आपके जैसा तप कोई नहीं कर सकता है। आपकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी। भगवान शिव आपको पति स्वरूप में प्राप्त होंगे और इस तरह से भगवान शिव उनको पति के रूप में मिले। मां का मंत्र है : ब्रह्मचारयितुम शीलम यस्या सा ब्रह्मचारिणी, सच्चीदानन्द सुशीला च विश्वरूपा नमोस्तुते..।

 

- Advertisement -
spot_img
spot_img

Published On :

spot_img

Recent articles

spot_img

Don't Miss

spot_img
spot_img
spot_img