कोहराम लाइव डेस्क : सुपरस्टार Rajinikant ने प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन के खिलाफ मद्रास हाइकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिस पर बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने उन्हें उनका समय बर्बाद करने के लिए फटकार लगाई। कोर्ट ने Rajinikant को चेतावनी दी कि कर की मांग के खिलाफ कोर्ट आने के लिए लागत लगाई जाएगी। उनके वकील ने अपना केस वापस लेने के लिए समय मांगा।
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बता दें कि रजनीकांत ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन द्वारा उनके श्री राघवेंद्र कल्याण मंडपम के लिए संपत्ति कर के रूप में 6.50 लाख रुपये की कर मांग के खिलाफ कोर्ट पहुंचे थे। यह तमिलनाडु में चेन्नई के कोडम्बकम में स्थित है।
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Rajinikant का क्या है आरोप
ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन ने नोटिस भेजकर रजनीकांत को मैरिज हॉल श्रीराघवेंद्र कल्याण मंडपम का 6.5 लाख रुपए का प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने के लिए कहा था। रजनी ने इस मांग को अनुचित बताया था। उन्होंने अपनी याचिका में लिखा था कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते 24 मार्च से उनका मैरिज हॉल बंद है।
ऐसे में जब कोई कमाई ही नहीं हुई तो टैक्स किस बात का मांगा जा रहा है? रजनी ने यह दावा भी किया था कि इस बारे में उन्होंने म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में आवेदन भी दिया था, जिसका कोई जवाब नहीं मिला।
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कोर्ट ने क्या कहा
कोर्ट ने रजनीकांत की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि उन्हें कोर्ट का वक्त बर्बाद करने की बजाय ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन को रिमाइंडर भेजना चाहिए था। जिसके बाद बाद उनके वकील ने कोर्ट से केस वापस लेने की इजाजत मांगी।
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