कोहराम लाइव डेस्क : हर साल 15 अक्टूबर को वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे मनाया जाता है। पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन के नाम से मशहूर Dr. APJ Abdul Kalam की जयंती है। यूनाइटेड नेशनंस ने 2010 में 15 अक्टूबर को वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे के रूप में घोषित किया था। डॉ कलाम एक राजनेता, एयरोस्पेस साइंटिस्ट के साथ-साथ एक शिक्षक भी थे। वो चाहते थे कि दुनिया उन्हें एक शिक्षक के तौर पर याद करे।
15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में पूर्व राष्ट्रपति कलाम का जन्म हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से की थी। Dr. APJ Abdul Kalam को 1997 में भारत रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का 27 जुलाई, 2015 को शिलॉंग में निधन हो गया था, वे आईआईएम शिलॉन्ग में लेक्चर देने गए थे, इसी दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था।
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Dr. APJ Abdul Kalam साइंटिस्ट नहीं कुछ और बनना चाहते थे
वैसे तो डॉ कलाम एक एयरोस्पेस साइंटिस्ट थे, मगर शायद ही आपको पता हो कि वे साइंटिस्ट नहीं कुछ और बनना चाहते थे। मगर उनके जीवन का सबसे बड़ा ख्वाब बस इस वजह से टूट गया था।
मिसाइलमैन ने अपनी पुस्तक ‘माइ जर्नी : ट्रांसफोर्मिंग ड्रीम्स इन टू एक्शन’ में लिखा है कि वे पायलट बनना चाहते थे। लेकिन पायलट बनने से केवल एक कदम दूर रह गए थे। उन्होंने अपनी पुस्तक में लिखा है कि मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने के बाद वे पायलट बनना चाहते थे।
उन्होंने लिखा है कि इंजीनियरिंग करने के बाद उनका सबसे पहला और अहम सपना था कि वह पायलट बनें। उन्होंने दो जगह इंटरव्यू दिए। एक इंडियन एयरफोर्स में देहरादून और दूसरा डायरेक्टरेट ऑफ टेक्निकल डेवलपमेंट एंड प्रोडक्शन (डीटीडीपी), रक्षा मंत्रालय।
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उन्होंने लिखा है कि डीटीडीपी का इंटरव्यू तो आसान था, लेकिन देहरादून में एयरफोर्स का सेलेक्शन बोर्ड चाहता था कि उम्मीदवार की योग्यता और इंजीनियरिंग की नॉलेज के साथ उसकी पर्सनैलिटी स्मार्ट भी हो। डॉ. कलाम ने यहां 25 उम्मीदवारों में से नौंवा स्थान हासिल किया, जबकि यहां आठ का ही चयन होना था।
इस तरह उनका ये सपना एक कदम दूर रह गया। उन्होंने लिखा है कि वे पायलट बनने के इस सपने को पूरा करने में फेल हो गए। इसके बाद वे दून से ऋषिकेश पहुंच गए, जीवन की नई राह तलाशने के मकसद से। इसके बाद उन्होंने डीटीडीपी में बतौर सीनियर साइंटिस्ट असिस्टेंट ज्वाइन किया।
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- अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा।
-अब्दुल कलाम - अगर आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं तो पहले आपको सूरज की तरह तपना होगा।
-अब्दुल कलाम - आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत, असफलता नामक बीमारी को मारने के लिए सबसे बढि़या दवाई है।
-अब्दुल कलाम - इंतजार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं।
-अब्दुल कलाम