लोहरदगा : जब गांव का मुखिया ही असहाय ग्रामीणों के पैसे हड़पने लगेगा तो फिर गांव वाले किस पर भरोसा करेंगे। यह घटना घटी है लोहरदगा जिले सेन्हा प्रखंड की बूटी पंचायत की। बूटी के मुखिया विष्णु उरांव ने दो लोगों के साथ मिलकर धोखे से एक विधवा महिला फूलमनी उरांव की जीवनभर की जमापूंजी के पांच लाख रुपये उसके बैंक खाते से निकाल लिये। पुलिस ने जालसाजी के आरोप में मुखिया और एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
बैंक अधिकारी के खिलाफ भी केस दर्ज
इस जालसाजी के मामले में सेन्हा प्रखंड की उगरा पंचायत के मुखिया एतवा उरांव, पास के कंडरा गांव के धर्मवीर भगत, स्थानीय बैंक ऑफ इंडिया बूटी शाखा के मैनेजर और कैशियर के खिलाफ भी केस दर्ज कराया गया है। मामले की जांच में पुलिस जुट गई है। पुलिस इस मामले में बैंक अधिकारियों की भूमिका भी जांच रही है। विष्णु और धर्मवीर भगत को 24 सितंबर की देर रात को थाना प्रभारी वीरेंद्र एक्का, एसआई धीरज मिश्रा और एएसआई रमेश तिवारी की अगुवाई में पुलिस ने बूटी और कंडरा में छापा मार कर गिरफ्तार किया गया है।
इसे भी पढ़ें : आईपीएल : पंजाब से भी हारी बेंगलुरु की टीम, केएल राहुल ने खेली धुआंधार पारी
लॉकडाउन के दौरान मुखिया ने उठाया फायदा
2015 में कंडरा गांव के पारसनाथ उरांव की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। पारसनाथ की पत्नी फूलमनी उरांव को राज्य सरकार की ओर से आवास दिलाया गया था और बीमा कंपनी की ओर से मुआवजे की राशि भी मिली थी। ये राशि बैंक ऑफ इंडिया की बूटी शाखा में फूलमनी के खाते में जमा कराई गई थी। 65 साल की वृद्धा होने के कारण मुखिया विष्णु उरांव, धर्मवीर भगत और उगरा पंचायत के मुखिया एतवा उरांव ने धोखेबाजी करते हुए 29 अप्रैल 2019 को और उसके बाद लॉकडाउन में 27 अप्रैल और दो मई 2020 को तीन किस्तों में पांच लाख रुपये की राशि धोखाधड़ी से जालसाजी कर निकाल लिया। वृद्ध महिला जुलाई में जब बैंक गई, तब राशि निकाल लेने का पता चला। जांच में सामने आया कि विष्णु उरांव, एतवा उरांव और फूलमनी के पड़ोसी धर्मवीर भगत ने राशि की निकासी की है। एक दूसरे आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
इसे भी पढ़ें :मुख्यमंत्री ने किया पशुओं के टीकाकरण अभियान का शुभारंभ