LATEHAR : लातेहार पुलिस ने भाकपा माओवादी के कुख्यात जोनल कमांडर नागेंद्र उरांव उर्फ डॉक्टर तथा दस्ता सदस्य गोदन कोरवा को धर दबोचा है। इन दोनों नक्सलियों की तलाश पुलिस लंबे समय से कर रही थी। ये दोनों कई बड़े हमलों में शामिल रहे हैं। गिरफ्तार जोनल कमांडर नागेंद्र उरांव पलामू के पाकी का रहने वाला है। जबकि दस्ता सदस्य गोदन कोरबा गढ़वा भंडरिया का रहने वाला है। जोनल कमांडर नागेंद्र कई विध्वंसक घटनाओं को अंजाम दिया था। गिरफ्तार नक्सली नागेंद्र उरांव 9 वर्ष की उम्र में ही भाकपा माओवादी में शामिल हो गया था। वह भाकपा माओवादी से14 सालों से जुड़ा हुआ है। जिसमें तीन अलग-अलग घटनाओं में कुल 22 पुलिस के जवान शहीद हो गए थे। इसकी गिरफ्तारी से माओवादियों को तगड़ा झटका लगा है।
पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन ने मीडिया को बताया कि गिरफ्तार नागेंद्र उरांव उर्फ डॉक्टर आईडी एक्सपर्ट है। पुलिस को नुकसान पहुंचाने के लिए जंगल में आईडी प्लांट करने में माहिर था। वह माओवादियों के बीमार होने पर छोटे-मोटे इलाज भी करता था। नागेंद्र माओवादी के गुरिल्ला विंग का कमांडर है। वही दूसरा गिरफ्तार नक्सली गौदम कोरवा गुरिल्ला विंग का सदस्य है। दोनों भाकपा माओवादी के दुर्दांत नक्सली है। पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि गारू थाना क्षेत्र के मिर्चिया,भंवरबंधा जंगल में भाकपा माओवादी के शीर्ष कमांडर मारकुश उर्फ सौरव बाबा, छोटू खेरवार उर्फ सुजीत, रविन्द्र गंझू, मृत्युजय भुइयां, नागेन्द्र उरांव उर्फ डॉक्टर, गोदन कोरवा, सुखलाल बुजिया उर्फ एकेला बुजिया अपने 20-25 की संख्या में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए एकत्रित हुए थे। इसके बाद एक टीम गठित कर भंवरबंधा जंगल में छापेमारी अभियान चलाई गई। जिसमें दो नक्सली जंगल में संदिग्ध अवस्था में देखे गए। पुलिस को देखते ही दोनों नक्सली भागने लगे। पुलिस ने दोनो को दौड़ाकर पकड़ने में सफलता पाई। इस छापेमारी अभियान में गारू थाना प्रभारी राजीव कुमार भगत, बारेसाढ़ थाना प्रभारी रंजीत कुमार यादव, गारू थाना के पुलिस अवर निरीक्षक मोहम्मद शाहिद अंसारी, सरज कुमार, गारू थाना के सैट-06 के सअनि तारापद महतो, गारू थाना सैट-06, बारेसाढ़ थाना के सैट-02 के पदाधिकारी, हवलदार व जवान शामिल थे।
नागेंद्र उरांव जनवरी 2013 में कटिया जंगल में हुई मुठभेड़ में शामिल रहा है। इस मुठभेड़ में 12 जवान व चार आग नागरिक मारे गये थे। मुठभेड़ के बाद जवान के पेट फाड़कर आईडी बम लगाया था। जून 2018 में झारखण्ड जगुवार की टीम खपरी महुआ में अभियान में निकली थी। जहां नागेन्द्र उरांव की टीम ने आईडी ब्लास्ट किया था। जिसमें झारखण्ड जगुवार के छह जवान शहीद हुए थे। वर्ष 2019 में चंदवा थाना क्षेत्र के लुकईया मोड़ में पुलिस की पीसीआर वाहन को टारगेट कर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी। जिसमें एक सहायक अवर निरीक्षक व तीन गृह रक्षक जवान शहीद हुए थे। इस घटना में नक्सलियों का नेतृत्व करते हुए नागेन्द्र उरांव ओपनर फायर के रूप में शामिल था।
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