कोहराम लाइव डेस्क : NRC के खिलाफ दिल्ली के Shaheen Bagh में हुए विरोध-प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विरोध-प्रदर्शनों के लिए शाहीन बाग जैसे पब्लिक प्लेस पर कब्जा करना गलत है। कोर्ट ने कहा कि पब्लिक प्लेस पर अनिश्चितकाल तक कब्जा नहीं किया जा सकता है, जैसा कि शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुआ। कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रदर्शन निर्धारित जगह या इलाकों में होना चाहिए।
प्रदर्शन भीड़भाड़ वाले इलाकों में नहीं होना चाहिए
कोर्ट ने कहा Shaheen Bagh से लोगों को हटाने क लिए दिल्ली पुलिस को कारवाई करनी चाहिए थी। सार्वजनिक स्थानों पर विरोध करने का अधिकार पूर्ण नहीं है। इस मामले पर न्यायमूर्ति की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय न्यायिक पीठ ने फैसला सुनाया और कहा कि लोकतंत्र और असहमति साथ-साथ चलते हैं, मगर प्रदर्शन डेजिनेटेड इलाकों में ही होना चाहिए।
आम लोगों को काफी परेशानी हुई थीं
NRC के खिलाफ प्रदर्शनकारी द्वार बंद कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग को खोलने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ये फैसला फैसला आया है। बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने करीब 100 दिनों तक कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग को बंद रखा था, जिससे आम लोगों को काफी परेशानी हुईं थीं। इसकी वजह से लोगों को वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करना पड़ रहा था, जिससे भारी ट्रैफिक जाम हो रहा था।
दिसंबर 2019 में केंद्र की मोदी सरकार ने संसद से नागरिकता संशोधन कानून पास कराया था, जिस पर काफी बवाल हुआ था। इस कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया। इस नागरिकता कानून को धर्म के आधार पर बांटने वाला बताकर पूरे देशभर में आंदोलन और महीनों तक प्रदर्शन हुए और रोड को ब्लॉक रखा गया।
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