कोहराम लाइव डेस्क : भारत अपनी संस्कृति, धर्म और मंदिरों के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। मगर आपको ये जानकर हैरानी होगी कि, हमारा पड़ोसी देश जो एक मुस्लिम बाहुल्य देश है। वहां भी कुछ ऐसे प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर हैं, जिनकी विशेषताओं के बारे में शायद ही आप जानते होंगे। मुसलमान देश होने के बावजूद इन मंदिरों में हिन्दू ही नहीं बल्कि मुसलमान भी सिर झुकाते हैं।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित हिंगलाज मंदिर अपनी पौराणिक कथा से जाना जाता है। दरअसल इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि विष्णु भगवान ने सती माता का शीश काटने के लिए चक्र फेंका था। उस चक्र से शीश कटकर जिस जगह पर गिरा, वह यही जगह है। दरअसल ये मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान से 120 किलोमीटर की दूरी पर हिंगुल नदी के तट पर स्थित है। ये मंदिर 51 शक्तिपीठों में से भी एक है।
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सूर्य मंदिर को बनवाने के पीछे वजह भगवान शिव के द्वारा श्राप से मुक्ति थी। मुल्तान में स्थित इस मंदिर में करीब 1500 साल पहले घूमने के लिए आए चीनी बौद्ध भिक्षुओं ने इस मंदिर के बारे में कई बातें लिखी है। चीनी बौद्ध भिक्षु ने इस मंदिर के बारे में बताया कि, मोहम्मद बिन कासिम और मोहम्मद गजनी ने इस मंदिर को एक बार नहीं बल्कि कई बार लूटा था।
कराची स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर को लेकर यह मान्यता है कि यह मंदिर करीब 2000 साल पुराना है। त्रेतायुग से 17 लाख साल पुरानी हनुमान जी की एकमात्र मूर्ति इसी मंदिर में स्थापित है। इस मंदिर का पुनर्निर्माण साल 1082 में कराया गया था। इस मंदिर में भी हनुमान भक्तों की भीड़ हमेशा लगी रहती है।
भारत में राम मंदिर को लेकर हर राम भक्त के अंदर बहुत गहरी आस्था है। लेकिन पाकिस्तान में भी कुछ राम मंदिर स्थित हैं, जिनमें सबसे विशेष इस्लाम कोट का राम मंदिर है।
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जब पर्वती सती हो गईं तो महादेव की आंख से आंसू गिरे थे। जिनमें से एक आंसू भारत के पुष्कर में तो वहीं दूसरा आंसू पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में गिरा था। कहा जाता है कि पाकिस्तान में अब से करीब 900 साल पहले कटास राज मंदिर को बनवाया गया था।
कराची में स्थित श्री वरुण देव मंदिर करीब 100 साल से भी ज्यादा पुराना है। ये कराची के मनोड़ा आइलैंड में बना हुआ है। पाकिस्तान में अब इस मंदिर का उपयोग हिंदू काउंसिल ऑफ पाकिस्तान के कामों के लिए होता है।