नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत की और नए भारत की नींव तैयार करने वाली है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों पर शुक्रवार को आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर प्रधानमंत्री ने इसकी संतुष्टि जाहिर की देश के किसी भी क्षेत्र या वर्ग से भेदभाव संबंधी कोई शिकायत नहीं आई। उन्होंने कहा,हर देश अपनी शिक्षा व्यवस्था को अपने राष्ट्रीय मूल्यों के साथ जोड़ते हुए, अपने राष्ट्रीय ध्येय के अनुसार सुधार करते हुए चलता है। मकसद ये होता है कि देश की शिक्षा प्रणाली अपनी वर्तमान औऱ आने वाली पीढ़ियों का भविष्य तैयार रखे और तैयार करे।पीएम मोदी ने कहा, भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति का आधार भी यही सोच है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत का और नए भारत की नींव तैयार करने वाली है।’
’मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की देश भर में व्यापक चर्चा हो रही है। अलग-अलग क्षेत्र के लोग, अलग-अलग विचारधाराओं के लोग, अपने विचार प्रकट कर इसकी समीक्षा कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि ये एक स्वस्थ चर्चा है, ये जितनी ज्यादा होगी, उतना ही लाभ देश की शिक्षा व्यवस्था को होगा। उन्होंने कहा,ये खुशी की बात है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद देश के किसी भी क्षेत्र से,किसी भी वर्ग से ये बात नहीं उठी कि इसमें किसी तरह का भेदभाव है, या किसी एक ओर झुकी हुई है। यह संकेत है कि लोग वर्षों से चली आ रही शिक्षा प्रणाली में बदलाव चाहते थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी तक जो हमारी शिक्षा व्यवस्था है, उसमें ‘‘क्या सोचना है’’ पर ध्यान केंद्रित रहा है जबकि इस शिक्षा नीति में ‘‘कैसे सोचना है’’ पर बल दिया जा रहा है।
इस सम्मेलन का आयोजन मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा किया जा रहा है।सम्मेलन के दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत शामिल शिक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे कि समग्र, बहु-विषयक एवं भविष्य की शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान, और शिक्षा में बेहतर पहुंच के लिए प्रौद्योगिकी के समान उपयोग पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे।
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प्रधानमंत्री मोदी ने बताया, कैसे नई शिक्षा नीति देश के विकास के लिए लाभदायक साबित होगी। उन्होंने बताया कि भारत के लोगों को ताकतवर और सशक्त बनाने के लिए शिक्षा नीति में खास ध्यान दिया गया है। पीएम मोदी ने कहा कि ये सच है कि 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है। इसमें हर बारीकी और सवालों पर ध्यान दिया गया है। उन्होंने बताया कि शिक्षा नीति को नया आकार देने से पहले दो सवालों को पर गंभीर रूप से विचार किया था। पहला सवाल था,क्या नई शिक्षा नीति भविष्य में क्रिएटिविटी, क्यूरोसिटी और कमिटमेंट मेकिंग पर लोगों को बांध कर रख पाएगी?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जब नर्सरी का बच्चा भी नई तकनीक के बारे में पढ़ेगा,तब भविष्य की तैयारी करने में आसानी होगी। कई दशकों से शिक्षा नीति में बदलाव नहीं हुआ था,इसकारण समाज में भेड़चाल को प्रोत्साहन मिल रहा था। कभी डॉक्टर-इंजीनियर-वकील बनाने की होड़ लगी हुई थी। अब युवा क्रिएटिव विचारों को आगे बढ़ा सकेगा, अब सिर्फ पढ़ाई नहीं बल्कि वर्किंग कल्चर को डेवलेप किया गया है।
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21वीं सदी के भारत की नींव रखेगी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति : पीएम मोदी
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