2022 तक, प्रत्येक छात्र नई शिक्षा नीति में विकसित होगा।
नई दिल्ली : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ’21 वीं सदी में स्कूली शिक्षा’ पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( 2020) पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति, नए युग की शुरुआत के लिए बीज बोने का कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि नीति के कार्यान्वयन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। हमारा कार्य अभी प्रारंभ हुआ है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, हमारे नए भारत की नई आकांक्षाओं और नई उम्मीदों को पूरा करने का एक जरिया है। इसे देश भर में प्रभावी रूप से लागू करने की आवश्यकता
सीखने के साथ-साथ ध्यान देना होगा कि क्या नहीं सीखना है।
शिक्षा मंत्रालय द्वारा शिक्षा पर्व के एक भाग के रूप में आयोजित ’21वीं सदी में स्कूली शिक्षा’ पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले एक सप्ताह के भीतर, शिक्षा मंत्रालय ने इसके कार्यान्वयन पर 15 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त किए हैं। सीखने के साथ-साथ हमें इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि क्या नहीं सीखना है। उन्होंने कहा कि 2022 तक, प्रत्येक छात्र नई शिक्षा नीति में विकसित होगा। मैं सभी शिक्षकों, संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, छात्रों और माता-पिता से राष्ट्रीय मिशन में शामिल होने का आग्रह करता हूं। आपके सहयोग से राष्ट्र, नई शिक्षा नीति को सफलतापूर्वक लागू करेगा।
देश में 8 सितंबर से 25 सितंबर, 2020 तक शिक्षा पर्व मनाया जा रहा है।
गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा 10 सितंबर और 11 सितंबर, 2020 को शिक्षा पर्व के एक भाग के रूप में दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इससे पूर्व, प्रधानमंत्री ने 7 अगस्त, 2020 को नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधार को लेकर सम्मलेन के उद्घाटन पर संबोधित किया था। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को बढ़ावा देने और शिक्षकों को सम्मानित करने के मद्देनजर, देश में 8 सितंबर से 25 सितंबर, 2020 तक शिक्षा पर्व मनाया जा रहा है। देश भर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर वेबिनार, सम्मलेन और वर्चुअल सम्मेलन हो रहे हैं।
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