- कई चुनौतियों से भरी थी अमेरिकी बिजनेसमैन डेमॉन्ड जॉन के करियर की शुरुआत
- मां के समझदारी भरे फैसले ने पलटी किस्मत की बाजी
- लक्ष्य पूरा करने के हौसले और स्टार्टअप एफयूबीयू की टीम के स्किल ने किया बड़ा कमाल
- ऑर्डर पूरा करने के लिए हाथ में पेसे नहीं थे और कोई बैंक लोन देने को नहीं हुआ तैयार
कोहराम लाइव डेस्क : Daymond John – मां ने गिरवी रखा घर, बेटा बन गया अरबपति बिजनेसमैन। आज बिजनेस की दुनिया में एक जानी-मानी हस्ती के रूप में स्थापित हैं डेमॉन्ड जॉन। 2100 करोड़ रुपये की नेटवर्थ वाले जॉन अमेरिका के बड़े फैशन ब्रांड के मालिक, इन्वेस्टर और टेलीविजन पर्सनैलिटी हैं। उनके करियर की शुरुआत भी कई चुनौतियों से भरी थी। उनकी चुनौतियों और परेशानियों को देखकर मां भी विचलित थीं, पर उनकी समझदारी भरे एक फैसले ने किस्मत की बाजी पलट दी। जॉन को बिजनेस की मुसीबतों से बाहर निकालने में उनकी मां की भूमिका टर्निंग प्वाइंट साबित हुई। बिजनेस को जमाने के लिए मां ने अपने घर को गिरवी रख दिया। उसके बाद बेटे को अरबपति बनने का रास्ता खुल गया।
उल्लेखनीय है कि जब डेमॉन्ड जॉन को उनके हिप हॉप स्टार्टअप एफयूबीयू के लिए तीन लाख डॉलर का ऑर्डर मिला तो वह बेहद उत्साहित थे। यह एक बेसमेंट में बिजनेस करने वाले क्लोथिंग ब्रांड के लिए यह बड़ा ब्रेक था। परेशानी थी कि उनको 3 लाख डॉलर के कपड़े का ऑर्डर पूरा करने के लिए संसाधन उपलब्ध नहीं थे। न तो इंफ्रास्ट्रक्चर था, ना ही अन्य रिसोर्सेज। वह बैंक के पास लोन के लिए गए, लोन नहीं मिला। दूसरे बैंक के पास गए। उसने भी इनकार कर दिया। इस प्रकार जॉन 27 बैंकों के पास गए, सबने लोन देने से साफ इनकार कर दिया।
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गाढ़े समय में मदद को आगे आईं Daymond John की मां
बिना बैकअप प्लान और ठुकराए जाने के बाद जॉन को समझ नहीं आया की वह क्या करें। ऐसी स्थिति में उनकी मां मदद करने के लिए आगे आईं। उन्होंने अपने क्वींस में मौजूद घर को गिरवी रखकर जॉन को एक लाख डॉलर दिए। इस पैसे से उन्होंने अपने घर पर एक मिनी फैक्ट्री बनाई। इसके बाद उनके पास महज 500 डॉलर ही बचे।
जॉन को घर का कर्ज चुकाने में छह माह विलंब हो चुका था। ऐसे में वह अपनी मां के घर को खोने के कगार पर थे। जॉन ने एक इंटरव्यू में कहा कि मेरी फाइनेंशियल इंटेलिजेंस की टीम और अच्छे लोगों का साथ नहीं होने की वजह से नीचे गिरता जा रहा था। हालात दिनोंदिन बिगड़ते जा रहे थे।
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फुल टाइम जॉब भी करते थे जॉन
जॉन अपनी कंपनी को खड़ा करने के लिए रेड लॉब्सटर में फुल टाइम जॉब भी करते थे। वह अपने एफयूबीयू बिजनेस में शिफ्ट्स पर काम करते थे। जब पैसे खत्म होने लगे तो उनकी मां ने इस परेशानी से निकालने के लिए जॉन से दो हजार डॉलर मांगे। जॉन रेड लॉब्सटर गए। कुछ बिस्कुट और कैश लेकर आए। उस कैश से जॉन की मां ने लोकल पेपर में विज्ञापन निकाला- ’10 लाख ऑर्डर्स के लिए फाइनेंस की जरूरत।’।
जॉन ने कहा कि उनकी मां को बढ़ा-चढ़ा पर बोलने में भी डर नहीं लगा था। इस विज्ञापन के बाद जॉन के पास 33 कॉल्स आए। जॉन के पास जो फोन कॉल्स आए, ज्यादातर बेकार थे। एक कॉल सैमसंग के टेक्सटाइल डिविजन से आया। सैमसंग की नजर पहले से ही एफयूबीयू पर थी। सैमसंग ने जॉन को एक ऑफर दिया। वह उनको ऑर्डर्स के लिए फंड देने के लिए तैयार थे, लेकिन जॉन के सामने तीन साल में 50 लाख डॉलर की सेल्स करने की शर्त रखी। जॉन जानते थे कि यह कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने तीन महीने के भीतर ही तीन करोड़ डॉलर की सेल्स कर कर अपने बिजनेस की बुनियाद को मजबूत बना लिया। इसके बाद फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। दिन दूनी रात चौगुनी उनका बिजनेस बढ़ता गया और वह बिजनेस की दुनिया के जाने-माने अरबपति बन गए।
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