एलआईसी एजेंट से बने ट्रैक्टर कंपनी के मालिक
कोहराम लाइव डेस्क : मेहनत सफलता की कुंजी होती है। ये सिर्फ कहावत नहीं सत्य भी है। लक्ष्य निर्धारित कर मेहनत करने वालों को सफलता अवश्य मिलती है। चाहे वो नौकरी हो या बिजनेस। Sonalika Tractor के चेयरमैन लक्ष्मण दास मित्तल की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उन्होंने 1955 में अपना करियर एलआईसी में बीमा एजेंट के तौर पर शुरू किया था. फिर फील्ड अफसर बने और विभिन्न राज्यों में नौकरी की. नौकरी के दौरान ही 1966 में उन्होंने बिजनेस में कदम रखा. एग्रीकल्चर मशीनें बनानी शुरू की. साथ-साथ नौकरी भी चलती रही. 1990 में बतौर डिप्टी जोनल मैनेजर रिटायर हुए. इस दौरान उन्होंने काफी लगन और मेहनत से कंपनी को खड़ा किया। 1994 में ट्रैक्टर्स की मैन्यूफैक्चरिंग शुरू की. आज एक सफल बिजनेसमैन हैं। लक्ष्मण दास मित्तल कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान से भी नवाजे जा चुके हैं. इनमें प्रतिष्ठित उद्योग रत्न पुरस्कार भी शामिल है.
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लक्ष्मणदास मित्तल के तीन बेटे हैं, सबसे बड़े अमृत सागर कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट हैं, जबकि तीसरे बेटे दीपक मित्तल कंपनी के एमडी हैं. दूसरे बेटे न्यूयॉर्क में डॉक्टर हैं. इसके अलावा लक्ष्मणदास मित्तल के पोते सुशांत और रमन मार्केटिंग, प्रोडक्ट डिजाइन, इंवेस्टर रिलेशन और इंटरनेशनल बिजनेस संभालते हैं, जबकि उनके एक और पोते राहुल परिवार का रियल एस्टेट बिजनेस देखते हैं. लक्ष्मणदास मित्तल की बेटी उषा सांगवान एलआईसी की एमडी रह चुकी हैं. उषा सांगवान एलआईसी की पहली महिला एमडी भी थी. दिलचस्प है कि इसी कंपनी में पहले लक्ष्मणदास मित्तल एजेंट हुआ करते थे.
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दुनिया के 120 देशों में ट्रैक्टरों का निर्यात करने वाले सोनालिका ग्रुप की स्थापना उन्होंने 1969 में की थी. तब उन्होंने कृषि उपकरण तैयार करने के लिए कंपनी बनाई थी, लेकिन फिर 1995 में उन्होंने ट्रैक्टर तैयार करने का काम शुरू किया. लक्ष्मणदास मित्तल ने अपने बेटों के साथ मिलकर इंटरनेशनल ट्रैक्टर लिमिटेड (ITL) को आज भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रैक्टर निर्माता बना दिया है.
लक्ष्मणदास मित्तल की आईटीएल का उत्तर भारतीय राज्यों में मजबूत कारोबार है. पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांवों में Sonalika Tractor किसानों की पसंद रहे हैं. कंपनी साल भर में 3 लाख से ज्यादा ट्रैक्टर भी बनाती है. इसके अलावा 50 हार्सपावर से ज्यादा की मशीनों में लक्ष्मणदास मित्तल की कंपनी का दबदबा रहा है. लगभग 90 साल की उम्र में भी लक्ष्मणदास मित्तल कंपनी का कामकाज देखते हैं. इसके अलावा लक्ष्मणदास मित्तल अपना पारिवारिक बिजनेस सोनालिका इंप्लीमेंट्स को भी संभालते हैं. सोनालिका इंप्लीमेंट्स बुआई की मशीन (सीड ड्रिल्स) और गेहूं के थ्रेसर बनाती है.
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