spot_img
Friday, September 22, 2023
23.1 C
Ranchi
28 C
Patna
29 C
Lucknow
spot_img
Friday, September 22, 2023
spot_img

Related articles

spot_img
spot_img
spot_img

गरीबी रेखा से नीचे रह रहे करीब 31 प्रतिशत परिवार को लाभान्वित करने का लक्ष्य : सीएम हेमंत सोरेन

spot_img
spot_img
spot_img
  • श्रमिक, किसान, मजदूर, गरीब के लिए सरकार चिंतित रही है : सीएम
  • निबंधन के 15 दिन के अंदर रोजगार, अन्यथा बेरोजगारी भत्ता : सीएम
  • शहरी क्षेत्र व 51 नगर निकायों के अकुशल श्रमिकों के लिए मुख्यमंत्री श्रमिक योजना व वेब पोर्टल का शुभारंभ

रांची : कोरोना संक्रमण के इस दौर में रोजगार का अभाव दिखाई दे रहा है। दिहाड़ी मजदूरों के लिए यह दौर विभीषिका के समान है। इसको देखते हुए सरकार के स्तर पर कार्य योजना तैयार की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार को लेकर जो तनाव था। उसे काफी हद तक सरकार ने कम करने का प्रयास किया है। ग्रामीण क्षेत्र में करोड़ों मानव दिवस सृजित करने में सरकार सफल रही। आज शहरी क्षेत्रों में भी कार्य के अभाव को देखते हुए योजना का शुभारंभ किया जा रहा है। इस योजना से शहरी जनसंख्या के करीब 31 प्रतिशत लोग जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं उन्हें लाभान्वित करने का लक्ष्य है। योजना से पांच लाख से अधिक परिवार लाभान्वित होंगे। रोजगार मिलने की गारंटी है। निबंधन के साथ 15 दिन के अंदर रोजगार देना है। ऐसा नहीं होने की स्थिति में बेरोजगारी भत्ता लाभुक को मिलेगा। उद्देश्य स्पष्ट है। कोई भी गरीब या मजदूर पैसे के अभाव में कष्ट ना सहे। ये बातें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने मुख्यमंत्री श्रमिक योजना के शुभारंभ कार्यक्रम में कही।

25 करोड़ की राशि श्रमिक भाइयों को डीबीटी के जरिये दिया गया

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन से पूर्व किसी को इस बात का अनुमान नहीं था कि राज्य से कितने लोग विभिन्न राज्यों में कार्य करने जाते हैं। इसकी जानकारी लॉकडाउन के दौरान ही हुई। करीब दस लाख लोग रोजगार के लिए विभिन्न राज्यों में जाया करते थे। झारखण्ड के श्रमिकों को ट्रेन व एअरलिफ्ट करा कर वापस अपने घर लाने वाला पहला राज्य झारखण्ड बना। श्रमिकों के लिए लगातार राहत कार्य में सरकार जुटी रही। करीब 25 करोड़ की राशि डीबीटी के माध्यम से श्रमिक भाइयों के खाते में भेजे गए। ताकि लॉकडाउन में भी उनका जीवन यापन हो सके। राज्य में भी इस आपदा की घड़ी में भूख से किसी की मृत्यु नहीं हुई। यह हम सभी के लिए सुखद रहा।

दीदी किचन का प्रभाव बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ा

मुख्यमंत्री ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान शुरू किए गए दीदी किचन से लाखों लोगों को भोजन प्राप्त हुआ। इससे सबसे अधिक लाभान्वित ग्रामीण बच्चे हुए। उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार देखा गया और उनके वजन में वृद्धि दर्ज की गई। झारखण्ड के लिए गरीबी और कुपोषण अभिशाप रहा है। लेकिन अब राज्य सरकार कुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए योजना पर कार्य कर रही है।

आज का दिन ऐतिहासिक रहा

मुख्यमंत्री ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आज राज्यपाल महोदया के कर कमलों द्वारा झारखण्ड के नए प्रतीक चिन्ह को जारी किया गया। राज्य को एक नई पहचान भी मिली है। दूसरी ओर हम अकुशल श्रमिक भाइयों के लिए योजना का शुभारंभ कर रहे हैं। आज का दिन ऐतिहासिक है। सरकार एक नई सोच व दिशा के साथ आगे बढ़ेगी।

जांच हो रही है तो संक्रमित भी चिन्हित हो रहे हैं

मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार हर दिन नई उपलब्धि के साथ आगे बढ़ रही है। प्रारंभ में सिर्फ तीन जगह पर जांच का कार्य शुरू हुआ था। आज लगभग हर जिले में जांच हो रही है। प्रतिदिन 10 हजार से ऊपर जांच करने की क्षमता झारखण्ड रखता है। जांच हो रही है, तो संक्रमित भी चिन्हित हो रहें हैं। जल्द राज्य संक्रमण के इस दौर से बाहर निकलेगा।

सांकेतिक तौर पर पांच श्रमिकों को मिला जॉबकार्ड

मुख्यमंत्री ने सांकेतिक तौर पर रांची की सरिता तिर्की, शिवम भेंगरा, शांति मुकुल खलखो, रोहित कुमार सिंह व सूरज कुमार वर्मा को जॉब कार्ड सौंपा। वहीं 51 नगर निकायों में भी श्रमिकों को जॉबकार्ड दिया जाएगा। निबंधन msy.jharkhand.gov.in पर किया जा सकता है।

मौके पर ये थे उपस्थित

इस मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे, पेयजल एवं स्वच्छता सचिव प्रशांत कुमार, नगर आयुक्त मुकेश कुमार, आईटी निदेशक राय महिमापत रे, निदेशक नगरीय प्रशासन निदेशालय व अन्य उपस्थित थे।

- Advertisement -
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img

Published On :

spot_img

Recent articles

spot_img

Don't Miss

spot_img
spot_img
spot_img