Ranchi (Pawan Thakur/Sanjay) : खेलते-खेलते पांच साल का मासूम बच्चा 10 रुपये का एक सिक्का निगल गया। यह सिक्का उसके सांस और खाने के नली के बीच जाकर अटक गया। बच्चा पूरा अकबकाने लगा। उसके घर में कोहराम मच गया। जिसने भी यह सीन देखा-सुना, सबकी सांसे अटक गई। घरवाले बच्चे को लेकर भागे-भागे एक प्राइवेट अस्पताल पहुंचे। यहां के डॉक्टरों ने बच्चे के गले में फंसे सिक्का को निकालने से साफ मना कर दिया। उन्हें बताया गया बहुत खतरा है, रिस्क नहीं लिया जा सकता। दूसरे प्राइवेट अस्पताल में गये, वहां से भी उल्टे पांव लौटा दिये गये।
भला हो रांची सदर अस्पताल के मशहूर गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ जयंत घोष का, जिन्होंने इंडोस्कोपिक विधि से बच्चे के गले में खतरनाक जगह फंसे सिक्के को चंद मिनटों के प्रयास में ही सही-सलामत निकाल दिया। यह मासूम बच्चा जब सदर अस्पताल पहुंचा था, तब उसकी हालत बेहद खराब थी। वह खूब छटपटा रहा था, दर्द के मारे बेचैन था। सांस लेने में भी खूब दिक्कतें हो रही थी। घरवाले बिना देर किये ऐन वक्त पर डॉ जयंत घोष के पास पहुंच गये। डॉ घोष की टीम ने तुरंत बच्चे को टेकअप किया और बिना चीर-फाड़ के इंडोस्कोपिक विधि से बेहतरीन तरीके से गले में फंसे सिक्के को निकाल दिया। सबसे हैरत की बात यह है कि जानलेवा इस ऑपरेशन में बच्चे के घरवाले का केवल 1553 रुपये ही खर्च हुये। बाकी अगर किसी दूसरे निजी अस्पताल में यह ऑपरेशन होता तो करीब 30 से 40 हजार रुपये खर्च हो जाते। सुनें क्या बोले मशहूर गेस्ट्रालॉजिस्ट डॉ जयंत घोष…
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