सरकारी दस्तावेजों में जिंदा रहते वृद्ध व्यक्ति को मरा हुआ दिखा दिया
रांची : सरकारी विभाग की लापरवाही इस कदर हो चली है कि अब जिंदा व्यक्ति को मृत बताकर उसका पेंशन तक रोक दिया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला जरीडीह प्रखंड में सामने आया है। जहां 80 वर्षीय बुजुर्ग का वृद्धावस्था पेंशन यह कहकर रोक दी गई कि अब वह इस दुनिया में नहीं है। इस मामले पर की जानकारी जब मीडिया वालों ने बोकारो के उप विकास आयुक्त को दी तो उन्होंने जांच करने की बात कही है। जरीडीह प्रखंड के बाराडीह गांव के एक 80 वर्षीय जिंदा वृद्ध सर्वेश्वर महतो जो चलने में लाचार है उसे सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर वृद्धा अवस्था पेंशन सूची से नाम हटाते हुए पेंशन को ही रोक दिया है।
इसके बाद पांच महीने से वृद्ध लाभुक सर्वेश्वर को पेंशन नहीं मिल रहा है । वृद्ध अपने पेंशन के लिए दर – दर ठोकरें खा रहा है । इस संदर्भ में वृद्ध सर्वेश्वर ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को अर्जी देकर पेंशन की सूची में पुनः नाम जोड़कर पेंशन चालू करने की गुहार लगायी थी लेकिन बीडीओ ने फिर से नए तरीके से आवेदन आनलाइन करने की बात कह दी । वृद्ध व्यक्ति ने बताया कि सरकारी दस्तावेजों में जिंदा रहते मुझे मरा हुआ दिखा दिया | और पेंशन रोक दिया वृद्ध सर्वेश्वर महतो को सरकारी स्तर से स्वीकृति मिलने के बाद 2012 से लगातार पेंशन मिल रहा है । हाल में 2020 के मार्च माह से पेंशन रोक दी गई । क्योंकि इन्हें सरकारी दस्तावेजों में मृत बता दिया गया । वृद्ध सर्वेश्वर का एक बेटा भी है जो मजदूरी कर अपना घर चलाने का काम करता है ऐसे में पेंशन इस परिवार का जीवन यापन करने का एक बहुत बड़ा साधन था।
वृद्ध के भाई ने बताया कि इस तरह से एक जींद आदमी को मरा हुआ बताया गया और उसका पेंशन रोक दिया गया जो काफी गलत बात है ।भाई ने बताया कि उसको पेंशन नहीं मिल रहा है इस कारण वह अपना इलाज भी नहीं करा पा रहा ।हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द इनका पेंशन चालू कराया जाए ताकि इनको किसी प्रकार के दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े ।वहीं इस मामले में उप विकास आयुक्त ने कहा कि मीडिया के द्वारा मामले को संज्ञान में लाया गया है जल्दी प्रखंड विकास पदाधिकारी से मामले की जांच करा कर वृद्धावस्था पेंशन को चालू कराया जाएगा। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है की एक वृद्ध जिसको बुढ़ापे में पेंशन किस लिए दिया जाता है कि वह अपना भरण-पोषण ठीक तरीके से कर सके लेकिन जब लापरवाही करते हुए जिंदा को मरा हुआ बता दिया गया ऐसे में जिम्मेदारी तय करनी भी जरूरी है और दोषियों पर कार्रवाई करने की भी जरूरत है