- सुधीर त्रिपाठी के कार्यकाल के बाद से खाली था चेयरमैन का पद
- कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने अधिसूचना जारी की
रांची : राज्य सरकार ने झारखंड कैडर के चर्चित और तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी रहे अमिताभ चौधरी को झारंखड लोक सेवा आयोग ( JPSC ) का चेयरमैन बनाया है। इस संबंध में कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने बुधवार 28 अक्टूबर को अधिसूचना जारी कर दी।
सितंबर में सुधीर त्रिपाठी का कार्यकाल पूरा होने के बाद से चेयरमैन का पद रिक्त था। अमिताभ चौधरी का JPSC का अध्यक्ष बनाया जाना सबको चौंकाया है। अमिताभ चौधरी खेल, प्रशासनिक सेवा के अलावा राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं। वे जेवीएम की टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं।
परीक्षाओं के आयोजन की संभावना बढ़ी
अब अध्यक्ष पद पर नियुक्ति होने से एक दर्जन प्रतियोगिता परीक्षाओं के आयोजन की संभावना बढ़ गई है। इनमें से आधा दर्जन ऐसी प्रतियोगिता परीक्षाएं हैं जिनकी संभावित तिथियां आयोग ने पूर्व में ही घोषित कर दी है। ये परीक्षाएं अब समय पर हो सकती है। दूसरी तरफ, लगभग दस प्रतियोगिता परीक्षाएं लंबे समय से लटकी हुई है। अब इन परीक्षाओं के आयोजन की भी उम्मीद बढ़ गई है।
अमिताभ चौधरी का अबतक का सफर
अमिताभ चौधरी ने 2005 में राज्य के तत्कालीन डिप्टी सीएम (गृह व खेल मंत्री) सुदेश कुमार महतो को हराकर झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) के अध्यक्ष बने थे।
बीसीसीआई-टीम इंडिया के बॉस- आईपीएस रहते 2002 में अमिताभ बीसीसीआई के मेंबर बने। फिर 2005 से 2009 तक क्रिकेट टीम इंडिया के मैनेजर भी रहे। अमिताभ चौधरी शासन, प्रशासन, क्रिकेट और राजनीति के हरफनमौला खिलाड़ी हैं। वे इन सभी क्षेत्रों में अपनों के साथ विरोधियों के लिए भी उतने ही स्वीकार्य रहे हैं।
अध्यक्ष नहीं रहने से ये परीक्षाएं हो चुकी हैं स्थगित
सहायक अभियंता- सिविल एवं मैकेनिकल नियुक्ति : यह परीक्षा छह से आठ नवंबर को ही होनी थी। अब इसकी नए सिरे से तिथि तय हो सकती है। सहायक निदेशक/ अनुमंडल कृषि पदाधिकारी नियुक्ति : यह परीक्षा 12-16 अक्टूबर को होनी थी, लेकिन नहीं हो सकी। परीक्षा की तिथि नए सिरे से घोषित हो सकती है।
इन परीक्षाओं के समय पर होने की उम्मीद
एकाउंट ऑफिसर, सहायक अभियंता (नगर विकास विभाग), एपीपी (साक्षात्कार)। इन परीक्षाओं का भी हो सकता है शीघ्र आयोजन : सातवीं सिविल सेवा परीक्षा, बीआइटी सिदरी में शिक्षकों की नियुक्ति, पॉलीटेक्निक संस्थानों में व्याख्याता नियुक्ति।