Ranchi : डायबिटीज एक गंभीर मेटाबोलिक डिजीज है, यह अनेक रोगों को न्योता दे जाता है, खासकर किडनी फेलियोर, हृदय रोग, आंख की रोशनी कम होना, फेफड़े का छय होना, मस्तिष्क की बीमारियां,च र्म रोग, यौवन संबंधी कमजोरी, शारीरिक कमजोरी, याद्दाश्त कम होने लगना, नस में खिंचाव झुनझुनाहट व जलन का होना, वजन कम होना। इत्यादि से ग्रसित होना पड़ता है। पूरी दुनिया में इस समय 50 करोड़ 2 लाख लोग शूगर पेशेंट हैं, वहीं भारत में 10 करोड़ 1लाख लोग डायबिटीज रोग से ग्रसित है। शहरी इलाके में करीब 15% और ग्रामीण क्षेत्र में 6% डायबिटीज के रोगी हैं। यह घातक इशारा है। यह कहना है झारखंड के जानेमाने डॉक्टर उमा शंकर वर्मा का। BAU के चीफ मेडिकल ऑफिसर यूएस वर्मा वर्ल्ड डायबिटिज डे पर कोहरामलाइव से बातें करते हुये उक्त बातें बताई। उन्होंने कहा कि साल 1922 में इंसुलिन की खोज करने वाले सर फ्रेडरिक बैटिंग के जन्मदिन यानी 14 नवम्बर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है। इंसुलिन के ईजाद के बाद से अनगिनत शूगर पेशेंट की जान बची है। डॉ वर्मा ने कहा कि डायबिटीज 3 तरह के होते हैं, पहला टाइप वन जिसमें इंसुलिन बनता ही नहीं है, दूसरा इंसुलिन का उत्पादन कम होना और तीसरा किसी दवाई लेने की वजह से या गर्भवती महिलाओं में पाई जाती है। महिलाओं का डिलीवरी होने के कुछ दिन बाद स्वत ठीक हो जाता है।
डॉ वर्मा ने कहा कि घरेलू उपचार और रेगुलर एक्सेसाइड कर भी डायबिटिज को कंट्रोल किया जा सकता है। वहीं एलोपैथिक और हैम्योपैथिक कई रामबाण दवाएं उपलब्ध है। इसके सेवन से डायबिटिज को कंट्रोल किया जा सकता है। आर्युवेदिक में भी शुगर पेशेंट के लिये असरदार कई तरह के चूरन आ गये हैं, जिसके इस्तेमाल से बेहतर नतीजे सामने आये हैं। डॉक्टर वर्मा ने आज अपने क्लीनिक में 109 मरीजों का मुफ्त में इलाज किया। वहीं मरीजों को मुफ्त में दवायें भी दी गई। रांची के कचहरी चौक पर स्थित यूएस पॉलीक्लिनिक में डॉक्टर यू एस वर्मा के सहयोगी डॉक्टर प्रेम प्रकाश वर्मा राजू, जितेंद्र कुमार वर्मा, मनोज कुमार वर्मा, गीता लेंयागी, उर्मिला एकका एलबिना ने निशुल्क चिकित्सा शिविर को सफल बनाने में सराहनीय भूमिका निभाई। डॉ वर्मा ने अपना मोबाइल नंबर 98351 67743 देते हुये कहा कि मरीज उनसे इस नंबर पर परामर्श ले सकते हैं।
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