दिल्ली : सीबीआई की विशेष अदालत ने अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा (बाबरी मस्जिद) ढहाए जाने के आपराधिक मामले में फैसला सुना दिया है। अदालत ने विशेष अदालत ने पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, विनय कटियार सहित सभी 32 अभियुक्तों को बरी कर दिया है।
फैसले के बाद आडवाणी ने कहा, जयश्री राम
फैसले पर 92 वर्षीय लालकृष्ण आडवाणी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए जय श्री राम का नारा लगाया और कहा कि यह बेहद खुशी का पल है। कोर्ट के निर्णय ने मेरी और पार्टी की रामजन्मभूमि आंदोलन को लेकर प्रतिबद्धता और समर्पण को सही साबित किया है।
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मामले में 49 लोग अभियुक्त बनाए गए थे
इस मामले में 49 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। इसमें से 17 की मौत हो चुकी है। जज एसके यादव ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि ये घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, संगठन द्वारा कई बार रोकने का प्रयास किया गया। अदालत ने यह भी माना है कि सीबीआई ने जो आरोप लगाए हैं, उसके प्रमाण नहीं मिले हैं।
आठ सौ पन्ने की लिखित बहस दाखिल हुई थी
सीबीआई और अभियुक्तों के वकीलों ने करीब आठ सौ पन्ने की लिखित बहस दाखिल की है। इससे पहले सीबीआई ने 351 गवाह व करीब 600 से अधिक दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए हैं। 30 सितंबर, 2019 को सुरेंद्र कुमार यादव जिला जज, लखनऊ के पद से रिटायर हुए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें फैसला सुनाने तक सेवा विस्तार दिया था। यह विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव के कार्यकाल का अंतिम फैसला होगा।
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