इस्लामाबाद : भारत-चीन सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अचानक अपना पाकिस्तान दौरा रद्द कर दिया है। जिनपिंग साल 2020 के आखिर में पाकिस्तान के दौरे पर आने वाले थे लेकिन अब चीनी सरकार ने दौरे को अनिश्चितकालीन के लिए रद्द कर दिया है। पाकिस्तान सरकार को जिनपिंग के दौरे से काफी उम्मीदें थीं। सऊदी सरब से बिगड़े रिश्तों के बीच चीन के राष्ट्रपति का भी आने से इनकार करना इमरान खान सरकार के लिए बड़ा झटका है। कर्ज में दबे पाकिस्तान की आखिरी उम्मीद चीन से ही है लेकिन अब वहां भी सब ठीक नज़र नहीं आ रहा है। हालांकि पाकिस्तान में चीन के राजदूत याओ जिंग ने कहा है,कि कोरोना संकट को देखकर यह दौरा रद्द किया गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही नई तारीखों की घोषणा होगी। हालांकि सूत्रों के मुताबिक इस दौरे पर संकट के बादलों की असली वजह सीपीईसी के प्रोजेक्ट्स में पाकिस्तान की तरफ से हो रही देरी है।
बता दें कि इमरान खान ने अपनी चीन यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति को पाकिस्तान दौरे का निमंत्रण दिया था। हालांकि चीनी राजदूत ने कहा कि वह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे की प्रगति से संतुष्ट हैं और दोनों देश इस परियोजना में आ रही चुनौतियों से परिचित हैं। जानकारों के मुताबिक चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपना दौरा इसलिए रद्द किया है क्योंकि वे सीपीईसी की प्रगति से खुश नहीं है। पाकिस्तान में ग्वादर के रास्ते भारत को घेरने का ख्वाब पाल रहे चीन को जबरदस्त अटके प्रोजेक्ट्स से बड़ा नुकसान हो रहा है। चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर में पहले ही अरबों डॉलर लगा चुके ड्रैगन की चिंताएं प्रोजक्ट की सुरक्षा और बढ़ती लागत ने बढ़ा दिया है। कोरोना के कारण परियोजना का काम एक तरफ जहां बहुत धीमी गति से बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ बलूचिस्तान में उग्रवादियों के हमले भी तेज हो गए हैं। 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर के लागत वाली परियोजना की सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान ने एक स्पेशल फोर्स का गठन किया है, जिसमें 13700 स्पेशल कमांडो शामिल हैं। इसके बावजूद इस परियोजना में काम कर रहे चीनी नागरिकों पर हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
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